UP BJP President:उत्तर प्रदेश बीजेपी का नया अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को बनाया गया है. भूपेंद्र चौधरी योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. उनको बुधवार को ही पार्टी हाईकमान ने दिल्ली बुलाया था. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी. इसके बाद से ही अध्यक्ष पद के लिए उनके नाम की चर्चा तेज हो गई थी. भूपेंद्र चौधरी पश्चिमी यूपी के जाट समाज से आते हैं. भाजपा ने मिशन 2024 के लिए सूबे में क्षेत्रीय और जातीय दोनों ही संतुलन बनाने के लिए ये फैसला लिया है. भूपेंद्र चौधरी उत्तर प्रदेश में स्वतंत्र देव सिंह की जगह लेंगे.


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भूपेंद्र चौधरी उत्तर प्रदेश में स्वतंत्र देव सिंह की जगह लेंगे. स्वतंत्र देव सिंह ने जुलाई के आखिर में बीजेपी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष के पद से भी इस्तीफा दे दिया था. उनका कार्यकाल 16 जुलाई को पूरा हो गया था. वे 2019 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे. स्वतंत्र देव सिंह के बाद फिर से एक OBC नेता लाकर BJP ने दोहरा दांव खेला है. भूपेंद्र चौधरी द्वारा भाजपा जाट समाज और OBC समाज दोनों को साधेगी.


भूपेंद्र चौधरी की पहचान एक जाट नेता हैं. उनकी पश्चिमी यूपी और जाट बिरादरी में अच्छी पकड़ है. भूपेंद्र सिंह की पकड़ का ही नतीजा रहा की किसान आंदोलन के बाद भी पश्चिमी यूपी में शानदार जीत मिली थी. इस जीत का भूपेंद्र चौधरी को इनाम भी मिला. योगी-2.0 में भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश में दूसरी बार मंत्री बनाया गया. पश्चिमी यूपी के मुरादाबाद की कांठ विधानसभा सीट जाट लैंड के रूप में भी जाना जाता है. भूपेंद्र चौधरी इसी जाट लैंड के रहने वाले हैं. 


भूपेंद्र चौधरी ने 1991 में भाजपा जॉइन की थी. वह फिलहाल यूपी विधान परिषद के सदस्य हैं. उन्हें 10 जून 2016 को उत्तर प्रदेश विधान परिषद का सदस्य चुना गया था. वह बीजेपी के 2012 में पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष रहे हैं. भूपेंद्र चौधरी ने 1999 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. चुनाव हारने के बाद भी भाजपा ने भूपेंद्र चौधरी पर पूरा भरोसा रखा. उन्होंने पहले भी संगठन में लंबे समय तक काम किया है. क्षेत्रीय अध्यक्ष तक की जिम्मेदारी निभाई है.


भूपेंद्र चौधरी को यूपी में पार्टी की कमान सौंपकर पश्चिमी यूपी में आरएलडी-सपा (RLD-SP) के गठबंधन का असर कम करने की भी रणनीति बताई जा रही है. इतना ही नहीं बीजेपी को 2022 के चुनाव में सूबे के जिस इलाके में सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है, वो पश्चिमी यूपी के सहारनपुर से लेकर मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, बरेली और रामपुर है. चौधरी इसी क्षेत्र से आते हैं. इसीलिए उनको आगे किया गया है.