Bhiwani News: देश का अन्नदाता पहले से ही परेशानी की मार झेल रहा है. उसके बाद अब मौसम की मार ने किसान को ओर अधिक संकट के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है, जिसके बाद अन्नदाता सिर्फ थोड़ी राहत की उम्मीद लगाए बैठा है. किसान सरकार से मुआवजा देने की मांग कर रहे है. ताकि पहले से आर्थिक परेशानी झेल रहे किसान को थोड़ी राहत मिले. 


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किसानो ने कहा कि ठंड व पाले के कारण फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है, जिसके कारण अब उनके लिए रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है. इसीलिए किसान उत्थान का दम भरने वाली भाजपा सरकार को चाहिए कि प्राथमिकता के आधार पर किसानों की बर्बाद फसल हुई फसल का उन्हें मुआवजा दिया जाए.


किसानों का कहना है कि रबी की फसल ठंड के बैगर पनपती नहीं, लेकिन अगर ज्यादा ठंड हो जाए तो नुकसान होना भी लाजिमी है. इस समय मटर, आलू  जैसी सब्जिया की फसल  फलियां बन रही है. सर्दी की वजह से फलियों में पनप रहे दाने का पानी जम गया. अगर वह पानी दोबारा नहीं पिंघलता तो उस फली में उस दाने का सही स्वरूप नहीं बन पाएगा. दाना पूरा होने की बजाए फली के अंदर ही पिचक जाएगा. बाद में उस दाने में तेल की मात्रा न के बराबर होगी. साथ ही फसल की औसतन पैदावार में काफी कमी आएगी. फिलहाल पाले का सबसे ज्यादा नुकसान अगेती सरसों की फसल में बनने की आशंका है.


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वही कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि किसान भाई को पानी दिन में ही देना चाहिए. शाम के समय या रात को पानी नहीं देना चाहिए, जिससे फसल खराब होने की कम आशंका बनेगी. साथ ही कम पानी की सिंचाई करनी चाहिए ताकि पाले से बचा जा सके. 
Input: Naveen Sharma