नई दिल्ली: इंसानों में कोरोना के बाद अब दुधारु पशुओं में लंपी नामक वायरस लगातार कहर बरपा रहा है. आपके आसपास यदि कोई गाय जिसके शरीर पर छोटी-बड़ी गाठें उबरी हुई हैं, कई जगह घाव दिखाई द रहे हैं, आंखों और नाक से पानी बह रहा है, तो मवेशियों में ये वायरस के लक्षण हैं. राजधानी दिल्ली से लेकर हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत देश के कई राज्यों के लगभग 250 से ज्यादा जिलों में लंपी के मामले सामने आ चुके हैं. इसके चलते दूध का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं के लिए असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है कि वह जो दूध ले रहे हैं वह कहीं संक्रमित गाय का दूध तो नहीं?


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लंपी ग्रस्त गाय का दूध पीयें या नहीं? (Lumpy virus cow milk)
बढ़ते संक्रमण और रोकथाम के लिए पशु पालन विभाग ने एडवायजरी जारी की है. चिकित्सकों का कहना है, कि लंपी संक्रमित पशु के दूध को अच्छी तरह उबालने के बाद ही इस्तेमाल करने, बछड़े-बछिया को दूध नहीं पिलाने और बचाव के लिए टीका लगवाने की सलाह दी गई है. इससे ज़ाहिर है कि दूध पीया जा सकता है लेकिन एक सवाल और है कि आपके घर जो दूध आ रहा है कहीं वह पशु लंपी वायरस ग्रस्त तो नहीं इसके लिए जो लोग डेयरी से दूध लेते हैं वह इस बात को अपने दूधिया से मिलकर सुनिश्चित कर लें, और उसे अपने पशुओं की ठीक तरीके से देख-रेख करने की सलाह दें.


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क्या इंसानों को भी प्रभावित कर रहा है लंपी? (Does Lumpy Virus Affect Human Being)
अभी तक कहीं भी लंपी का इंसानों पर प्रभाव पड़ने का कोई भी आधिकारिक मामला सामने नहीं आया है, हालांकि एक्पर्ट्स का भी यहीं कहना है कि यह वायरस पशुओं से इंसानों को नहीं हो सकता, फिर भी सावधानी बरतना उपयोगी साबित होगा.


बीमारी की रोकथाम कैसे करें? (How to protect cow from Lump virus)
अगर आपका पशु इस बीमारी से ग्रसित हो गया है तो इस बीमारी से ग्रसित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखें. साथ ही पशुओं से अलग रखें. साथ ही पशुओं को मक्खी,चिचडी एंव मच्छर के काटने से बचाने किस दिशा में काम करें. यही नहीं पशुशाला की साफ - सफाई दैनिक रूप से करें और डिसइन्फैक्शन का स्प्रे करते रहें. संक्रमित पशुओं को खाने के लिए संतुलित आहार तथा हरा चारा दें. अगर इस बीमारी से किसी की मौत हो जाती है तो मृत पशुओं के शव को गहरे गड्ढे में दबा दें.