दिल्ली के वित्त मंत्री ने बताया कि मंत्रालय ने 17 मार्च को मुख्य सचिव को भेजे पत्र के जरिये इसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया था, लेकिन जानबूझकर मुख्य सचिव ने पत्र को छुपाकर रखा. उन्होंने बजट को बिगाड़ने का आरोप केंद्र सरकार पर लगाया है.
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नई दिल्ली: देश के इतिहास में पहली बार दिल्ली का वार्षिक बजट निर्धारित तिथि 21 मार्च को पेश नहीं हो पाएगा. दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने दिल्ली सरकार को बजट पेश करने से रोक दिया है.
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उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट पर कुछ चिंता जताई थी और 17 मार्च को मुख्य सचिव को भेजे पत्र के जरिये इसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया था. रहस्यमय कारणों से दिल्ली के मुख्य सचिव ने पत्र को 3 दिन तक छुपाकर रखा. कैलाश गहलोत ने कहा, मुझे पत्र के बारे में 20 मार्च 2023 को दोपहर 2 बजे पता चला.
मुख्य और वित्त सचिव की भूमिका की जांच की जाए
गृह मंत्रालय के पत्र वाली फाइल मेरे पास आधिकारिक तौर पर शाम 6 बजे यानी दिल्ली विधानसभा में बजट पेश होने के ठीक एक दिन पहले पेश की गई. इसके बाद हमने गृह मंत्रालय की चिंताओं का जवाब दिया है और सीएम की मंजूरी के बाद आज रात 9 बजे दिल्ली के एलजी को फाइल वापस सौंप दी है. उन्होंने कहा कि बजट में देरी करने में दिल्ली के मुख्य सचिव और वित्त सचिव की भूमिका की जांच होनी चाहिए.
बजट के बारे में झूठ फैलाने का आरोप
यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि गृह मंत्रालय दिल्ली सरकार के बजट के बारे में झूठ फैला रहा है. कैलाश गहलोत ने कहा, अगले वर्ष पूंजीगत व्यय के लिए लगभग 22,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि विज्ञापनों के लिए आवंटन केवल 550 करोड़ रुपये है, जो पिछले वर्ष के समान है. गृह मंत्रालय द्वारा उठाई गई चिंताएं अप्रासंगिक हैं और यह दिल्ली सरकार के अगले साल के बजट को बिगाड़ने के लिए ऐसा प्रतीत होता है.