Basant Panchami 2024: Yamunanagar News: बसंत पंचमी के दिन लाहौर में हुआ वीर हकीकत राय का बलिदान पहला देश के लिए बलिदान माना जाता है जो धर्म परिवर्तन के खिलाफ हुआ था. 15 साल के इस बच्चे ने निर्भीकता और निडरता की ऐसी मिसाल पेश कर दी थी कि हर भारतीय मां अपने बच्चे से कहने लगी कि बनना हो तो हकीकत जैसा वीर बनना. 


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वहीं यमुनानगर के सेक्टर 18 के पार्क में बनाई गई वीर हकीकत राय की संगमरमर की मूर्ति को लगाकर समाज सेवक एवं प्रसिद्ध उद्योगपति रोशन लाल कंबोज ने यमुनानगरवासियों को एक प्रेरणादायक सौगात दी. मूर्ति पर आय खर्च को रोशन लाल कंबोज ने निस्वार्थ भावना से किया. आज इस पार्क में लगी वीर हकीकत राय की मूर्ति को देखकर लोग अपने बच्चों को यही कहते हैं कि अगर कुछ बनना है तो वीर हकीकत राय जैसे बनो.


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वहीं रोशन लाल कंबोज ने भी यही संदेश देते हुए कहा कि आज के बच्चे जिस तरह से नशे की तरफ जा रहे हैं उनको नशे की लत को छोड़कर वीर हकीकत राय के नक्शेकदम पर चलना चाहिए. वहीं पर रोशन लाल कंबोज ने सरकार से अपील की है कि इस पार्क का नाम वीर हकीकत राय के नाम से होना चाहिए.


बता दें कि साल 1734 में बसंत झूम कर तो आया था, लेकिन बहारों को न जाने क्या हुआ कि वह लाहौर जरा धीमे-धीमे पहुंची, लेकिन उनसे पहले 15 साल का बालक लाहौर पहुंच गया. जिसके हाथ बेड़ियों में जकड़े थे और कमर को जंजीरों से जकड़ कर भारी पत्थर लगाया गया था. बसंत पंचमी के दिन मुगल शासकों से धर्म की रक्षा के लिए छोटे बालक हकीकत राय को शहीद हो गए थे.


INPUT: KULWANT SINGH