Yamunanagar News: यमुनानगर में जहरीली शराब से 18 लोगों की मौत के बाद आसपास के ग्रामीणों का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ है. आज सुबह मेहरामपुर गांव की महिलाएं एकजुट होकर शराब के ठेके पर पहुंची. जहां महिलाओं ने ठेके को शिफ्ट करने की मांग उठाई है.


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यमुनानगर में 18 लोग की जहरीली शराब से मौत हुई थी जो पूरे प्रदेश के लिए एक बड़ा मुद्दा बना था. इसको लेकर आसपास के ग्रामीणों का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ है. मेहरामपुर गांव की महिलाएं एकजुट होकर शराब के ठेके के बाहर पहुंची और जहां उन्होंने जमकर बवाल किया. प्रदर्शनकारी महिला अंजू का कहना है कि इस ठेके को यहां से शिफ्ट किया जाए क्योंकि यह ठेका नेशनल हाईवे के पास है और कई गांव की लड़कियां स्कूल-कॉलेज यहां से होकर गुजरती हैं. शराबी अकसर लड़कियों से अश्लील हरकतें करते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि इस बाबत हम एसपी साहब को मिलने के लिए भी पहुंचे थे. लेकिन एसपी साहब उस दिन नहीं मिले. 


बता दें कि शराब से लोगों की मौत के बाद ठेके को बंद कर दिया था, जिसे फिर से खोला जा चुका है. इसी को लेकर महिलाओं ने प्रदर्शन किया. इस दौरान एक युवक के पास से ज्वलनशील पदार्थ भी मिला, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है. 


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महिलाओं के हुजूम को देखते हुए तुरंत प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस के कर्मचारी मौके पर पहुंचे. DETC अधिकारी सरोज देवी, डीएसपी राजेश कुमार समेत तमाम अधिकारी और कर्मचारियों ने प्रदेश अधिकारी महिलाओं को समझने की कोशिश की. इस दौरान एक युवक से ज्वलनशील पदार्थ भी बरामद हुआ है. संदेह था कि कहीं यह शराब के ठेके को न जला दे. पुलिस युवक को हिरासत में लेकर फरकपुर थाने लेकर पहुंची. 


DETC सरोज देवी का कहना है कि यह ठेका नियमों के मुताबिक यहां है. इससे पहले ही ठेकेदार को महिलाओं के प्रदर्शन का अंदेशा, जिसे विभाग को पहले ही बता दिया गया था. सूरज देवी का कहना है कि चाहे महिला हो या पुरुष हो कानून सभी के लिए बराबर है. डीएसपी राजेश कुमार का कहना है कि हमें सूचना मिली थी कि ठेके के बाहर कुछ महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं. जब हम वहां पहुंचे तो एक युवक से ज्वलनशील पदार्थ मिला है.


बता दे कि नवंबर महीने में यमुनानगर में जहरीली शराब से 18 लोगों की मौत हुई थी और इसी गांव के आसपास गांवो में कई लोगों की शराब से मौत हुई, जिसके बाद यह ठेका विभाग द्वारा सील कर दिया गया था, लेकिन दोबारा से इसकी ऑक्शन की गई और यह ठेका फिर खोल दिया गया. जाहिर सी बात है विभागीय प्रकिर्या में यह रेवेन्यू से जुड़ा मामला है वही गांवो के यह अपनो की मौत वा सुरक्षा से जोड़ कर देखा जा रहा है, देखना होगा सरकार की नजर में रेवेन्यू अहम है या फिर ग्रामीणों की जिन्दगियां. 


Input: Kulwant Singh