Yamunanagar Crime: प्राइवेट अस्पताल पर डिलीवरी के दौरान लापरवाही के आरोप, जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही महिला
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Yamunanagar Crime: प्राइवेट अस्पताल पर डिलीवरी के दौरान लापरवाही के आरोप, जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही महिला

Yamunanagar Crime News: यमुनानगर के प्राइवेट अस्पताल पर डिलीवरी के दौरान लापरवाही के आरोप में अस्पताल पहुंचकर परिजनों ने हंगामा किया. मौके पर पहुंची पुलिस और SHO ने कार्रवाई का भरोसा दिया है. महिला दूसरे अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है. 

Yamunanagar Crime: प्राइवेट अस्पताल पर डिलीवरी के दौरान लापरवाही के आरोप, जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही महिला

Yamunanagar News: यमुनानगर के नामी प्राइवेट अस्पताल पर महिला की डिलीवरी के दौरान लापरवाही के गंभीर आरोप लगे हैं. 2 महीने तक कार्रवाई ना होने और प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों की तरफ से टालमटोल के बाद आज परिजनों के सब्र का बांध टूटा और अस्पताल पहुंचकर उन्होंने जमकर हंगामा किया. मौके पर पुलिस ने परिजनों को समझाया और कार्रवाई का भरोसा दिया.

यमुनानगर का नामी अस्पताल एक बार फिर से सुर्खियों में है. वजह महिला की डिलीवरी के दौरान लापरवाही का आरोप है. महिला के परिजनों ने बताया कि 29 दिसंबर को डिलीवरी के दौरान डॉक्टर ने लापरवाही बरती है, जिसकी वजह से महिला शिवानी अब जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है. उन्होंने आरोप लगाए कि पहले डॉक्टरों ने उन्हें नार्मल डिलीवरी के लिए कहा, लेकिन ऑपरेशन के जरिये डिलीवरी की. उसके बाद महिला की ब्लीडिंग नहीं रुकी और आनन फानन में डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए.

आज अस्पताल के बाहर परिजन पहुंचे और खूब हंगामा किया. शिवानी की बहन दिव्या ने आरोप लगाया कि मेरी बहन का इलाज सही नहीं हुआ. हमें सरकारी अस्पताल की फाइल भी नहीं दी जा रही है. बहन का इलाज मुलाना के प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है, जिसका दोबारा से ऑपरेशन किया गया है. अस्पताल की लापरवाही से अब महिला दोबारा से मां भी नहीं बन सकती. शिवानी के पिता पवन कुमार ने भी आरोप लगाए और कहा कि हमें न्याय चाहिए. 2 महीने हो गए हैं, लेकिन अब तक ना तो पुलिस कार्रवाई हुई है औ ना ही हमें फाइल मिली है.

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वहीं प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर आनेज ने कहा कि हमारे पास 2 महीने पहले शिवानी नाम से एक मरीज आया था. हमने जब ऑपरेशन किया तो उसे खून की जरूरत थी, लेकिन हमे स्टाफ ने खुद खून मुहैया कराया. हमारी तरफ से कोई कोताही नहीं बरती गई है. जिसके बाद हमने उन्हें मुलाना अस्पताल में रेफर कर दिया.

पीड़ित के परिजन ना तो पुलिस की कार्यशैली से संतुष्ट है और ना ही प्राइवेट अस्पताल के रवैया से खुश. अब वो इस मामले में इंसाफ की मांग कर रहे हैं. हांलाकि यमुनानगर शहर के थाना प्रभारी जगदीश चंद्र ने उन्हें भरोसा दिया है. अब देखना होगा कि क्या अस्पताल या डॉक्टर पर कोई एक्शन होता है या नहीं.

INPUT: KULWANT SINGH