Born to shine : कला क्षेत्र में बेहतर कल बनाने के लिए 30 प्रतिभाशाली बच्चियों को मिली विशेष स्कॉलरशिप
पिछले एक साल में देशभर में कला क्षेत्र से जुड़ी 5000 से ज्यादा बच्चियों ने इस सम्मान के लिए आवेदन किया था. 5 दिग्गजों की एक खास ज्यूरी ने अलग-अलग राउंड के बाद इनमें से 30 प्रतिभाशाली बच्चियों को विजेता चुना.
नई दिल्ली : मुंबई में रविवार को ज़ी एंटरटेनमेंट और गिव इंडिया ने अपने कॉरपोरेट सोशल रेस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के तहत शुरू की एक खास पहल बॉर्न टू शाइन (Born to shine) के 30 विजेताओं को सम्मानित किया. देश के 8 शहरों से चुने गए 5 से 15 वर्ष की बच्चियों को 4 लाख रुपये की स्कॉलरशिप और तीस महीने की मेंटरिंग से नवाजा गया.
पिछले एक साल में देशभर में कला क्षेत्र से जुड़ी 5000 से ज्यादा बच्चियों ने इस सम्मान के लिए आवेदन किया था. 5 दिग्गजों की एक खास ज्यूरी ने अलग अलग राउंड्स के बाद इनमें से आखिरी 30 प्रतिभाशाली बच्चियों को विजेता चुना.
इस खास ज्यूरी में ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर पुनीत गोयनका के अलावा जरीना स्क्रूवाला (मैनेजिंग ट्रस्टी एंड डायरेक्टर, स्वदेश फाउंडेशन), डॉ. बिंदू सुब्रमण्यम (को फाउंडर CEO, सुब्रमण्यम अकादमी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स (SaPa), समारा महिंद्रा (फाउंडर CEO, CARER), रूपक मेहता (फाउंडर, ब्रह्मनाद कल्चरल सोसायटी) शामिल थे.
गौरतलब है कि देश में विज्ञान, गणित और खेल के क्षेत्र में प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए कई स्कॉलरशिप प्रोग्राम हैं, लेकिन कला क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही ऐसी छात्राओं को खोज निकालना और उनकी प्रतिभा को तराशने के लिए यह देश में अपनी तरह की सबसे नई पहल है.
एक तरफ जहां आज भी हमारे देश के अधिकांश हिस्से में लड़कियों की महत्वकांक्षाओं को खासतौर पर कला क्षेत्र में उनकी रुचि को गंभीरता से नहीं लिया जाता. ऐसे में बॉर्न टू शाइन पहल के तहत प्रतिभाशाली बच्चों को भीड़ से खोज निकालने और उन्हें प्रोत्साहित कर उनके सपनों को पंख देने की एक छोटी सी कोशिश एक बड़े और नेक अंजाम तक निश्चित रूप से पहुंच सकती है. इस पहल से ये उम्मीद है कि देश के युवा देश का सुनहरा कल (भविष्य) लिखने की ओर अग्रसर हैं और ये यकीनन सफलता के आसमान में चमकते सितारे बन सकेंगे.