Delhi Ordinance Bill: `आप अपना देख लीजिए...`, लोकसभा में ओवैसी से ऐसा क्यों बोले अमित शाह
Amit Shah Attacks I.N.D.I.A Alliance: लोकसभा में अमित शाह ने कहा, सेवाएं हमेशा केंद्र सरकार के पास रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एक व्याख्या दी. 1993 से 2015 तक किसी भी मुख्यमंत्री ने लड़ाई नहीं लड़ी. कोई लड़ाई नहीं हुई क्योंकि जो भी सरकार बनी उनका मकसद लोगों की सेवा करना था. लड़ने की कोई ज़रूरत नहीं है.
BJP Vs I.N.D.I.A Alliance: दिल्ली सेवा बिल भारी हंगामे के बीच गुरुवार को लोकसभा से पारित हो गया है. गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) और I.N.D.I.A के दलों पर करारा हमला बोला. अमित शाह के हमले की जद में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी आए. अमित शाह ने तंज कसते हुए कहा कि हमारा अपना एक गठबंधन है जबकि I.N.D.I.A नाम का एक गठबंधन भी बना है तो असदुद्दीन औवैसी आप अपना देख लीजिए.
लोकसभा में अमित शाह ने कहा, सेवाएं हमेशा केंद्र सरकार के पास रही हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एक व्याख्या दी. 1993 से 2015 तक किसी भी मुख्यमंत्री ने लड़ाई नहीं लड़ी. कोई लड़ाई नहीं हुई क्योंकि जो भी सरकार बनी उनका मकसद लोगों की सेवा करना था. लड़ने की कोई ज़रूरत नहीं है. अगर जरूरत है तो सेवा करने की लेकिन अगर उन्हें सत्ता चाहिए तो वे लड़ेंगे.
'मोदी ही 2024 में पीएम बनेंगे'
विपक्ष को दो टूक शब्दों में अमित शाह ने कहा, I.N.D.I.A. गठबंधन किसी काम का नहीं है. इसके बावजूद साल 2024 में नरेंद्र मोदी ही पूर्ण बहुमत से प्रधानमंत्री बनेंगे. संसद में पेश सारे बिल जरूरी होते हैं और आपको सदन में मौजूद रहना चाहिए. शाह ने कहा कि दिल्ली सर्विसेज बिल पास होने के बाद गठबंधन टूट जाएगा. विपक्षी सांसद दिल्ली के बारे में सोचें, गठबंधन के बारे में नहीं.
'गठबंधन बनाने के कई तरीके हैं'
शाह ने लोकसभा में कहा, 'मैं सारी पार्टियों से अनुरोध करूंगा कि किसी बिल का समर्थन या विरोध इसलिए नहीं करें कि किसी पार्टी से समर्थन चाहिए. ऐसी राजनीति नहीं होनी चाहिए. गठबंधन बनाने के कई तरीके हैं. कानून और बिल देश के हित के लिए लाए जाते हैं. अगर आप सिर्फ अपने गठबंधन के बारे में सोचेंगे. आपके लिए (गठबंधन) यह मायने नहीं रखता कि दिल्ली में क्या हो रहा है या फिर कोई मंत्री क्या कर रहा है. आप भ्रष्टाचार के बारे में नहीं सोचते हैं.'
अमित शाह ने कहा, साल 2015 में दिल्ली में एक ऐसी पार्टी सत्ता में आई जिसका मकसद सिर्फ लड़ना था, सेवा करना नहीं. समस्या ट्रांसफर पोस्टिंग करने का अधिकार हासिल करना नहीं, बल्कि अपने बंगले बनाने जैसे भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए सतर्कता विभाग पर कब्जा करना है.