नई दिल्ली: दिल्ली दंगों (Delhi riots) के आरोपी उमर खालिद (Umar Khalid) के खिलाफ UAPA के तहत केस चलाने के लिए पुलिस को मंजूरी मिल गई है. कई महीनों के विचार विमर्श के बाद दिल्ली की केजरीवाल  सरकार (Kejriwal Government) ने पुलिस को यह स्वीकृति दे दी. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर  खालिद को गिरफ्तार किया था.


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दिल्ली दंगों में 57 लोगों की हो गई थी मौत
बता दें कि दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों में 57 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अन्य आरोपियों के साथ अगस्त में उमर खालिद को अरेस्ट किया था. इसके बाद पुलिस ने अगस्त में चार्जशीट दायर की. चार्जशीट में कहा गया कि दंगों से पहले आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने 8 जनवरी को उमर खालिद और 'यूनाइटेड अगेंस्‍ट हेट' के खालिद सैफी से मुलाकात की थी. इस मीटिंग में उमर ने हुसैन से कहा कि 'ट्रंप की  यात्रा के वक्‍त कुछ बड़ा/दंगों के लिए तैयार रहें।' चार्जशीट के अनुसार, उमर ने कहा कि वह और  पॉपुलर  फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के लोग ताहिर की वित्‍तीय मदद करेंगे. 


उमर का विवादों से रहा है पुराना नाता
जेएनयू से पीएचडी करने वाले उमर खालिद ने पहली बार 2016 में उस वक्त सुर्खियां बटोरीं थी. जब जेएनयू में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ कथित तौर पर एक कार्यक्रम में भारत विरोधी नारे लगाए गए थे. इस मामले में दिल्‍ली पुलिस ने तब कन्‍हैया को अरेस्‍ट किया था, उसके बाद खालिद लापता हो गया. उसके 23 फरवरी को कैंपस में दिखने पर उन्‍हें अरेस्‍ट कर लिया गया था, मगर बाद में जमानत दे दी गई. उमर खालिद के पिता भी 
कट्टरवादी संगठन स्‍टूडेंट्स इस्‍लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के सदस्‍य और वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष रहे हैं. 


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