Devendra Fadnavis Secret: महाराष्ट्र के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे देवेंद्र फडणवीस को उनके स्कूल की शिक्षिका सावित्री सुब्रमण्यम ने एक संवेदनशील, विनम्र और मददगार छात्र के रूप में याद किया है. नागपुर के सरस्वती विद्यालय में कक्षा आठ से दसवीं तक पढ़ने वाले फडणवीस को लेकर उनकी शिक्षिका ने बताया कि वह कभी भी अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि का घमंड नहीं करते थे.


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बैकबेंचर लेकिन मददगार स्वभाव


फडणवीस स्कूल में लंबे कद के कारण हमेशा पीछे की बेंच पर बैठते थे. सुब्रमण्यम ने बताया कि पढ़ाई में वह औसत छात्र थे, लेकिन अपने स्वभाव से हमेशा दूसरों के करीब रहते थे. उनका कहना था, "फडणवीस हंसमुख और संवेदनशील थे. जब भी किसी जरूरतमंद को मदद की जरूरत होती, वह आगे बढ़कर मदद करते थे."


दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार


शिक्षिका ने खास तौर पर एक पोलियोग्रस्त छात्र का जिक्र किया, जिसे चलने-फिरने में दिक्कत होती थी. उन्होंने कहा, "फडणवीस और उनकी पूरी कक्षा उस छात्र की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहती थी. यह दिखाता है कि वह दूसरों के लिए कितने संवेदनशील थे."


मंच से दूर रहने वाले फडणवीस


हालांकि, फडणवीस का स्कूल के दिनों में मंच से कोई खास लगाव नहीं था. शिक्षिका ने बताया, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि वह एक अच्छे वक्ता बनेंगे, क्योंकि उन्होंने स्कूल में कभी मंच पर प्रस्तुति नहीं दी." यह बात चौंकाने वाली है, क्योंकि आज फडणवीस राजनीति के एक शानदार वक्ता के रूप में जाने जाते हैं.


तीसरी बार बनेंगे मुख्यमंत्री


देवेंद्र फडणवीस को बुधवार को महाराष्ट्र भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया, जिससे उनके तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया. इससे पहले वह 2014 से 2019 तक मुख्यमंत्री रहे और उनका दूसरा कार्यकाल 2019 में केवल 80 घंटे का था. फडणवीस छह बार विधायक रह चुके हैं और नागपुर के सबसे युवा महापौर भी बने थे.


शिक्षिका का गर्व और उम्मीदें


सुब्रमण्यम ने कहा कि फडणवीस ने अपने विनम्र और संवेदनशील स्वभाव को कभी नहीं बदला. वह अपने छात्र को इस मुकाम पर देखकर गर्व महसूस करती हैं. उनका मानना है कि फडणवीस का यह स्वभाव उनकी सफलता का मूल मंत्र है.


(एजेंसी इनपुट के साथ)