Maharashtra Politics: महाराष्‍ट्र में इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्‍यादा वोट मिले लेकिन फिर भी कांग्रेस और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) से पार्टी पिछड़ गई. आरएसएस ने कमजोर प्रदर्शन के लिए कथित तौर पर परोक्ष रूप से अजित पवार की एनसीपी के साथ गठबंधन को जिम्‍मेदार ठहराया. अब डिप्‍टी सीएम और महाराष्‍ट्र में बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता देवेंद्र फडणवीस भी कमोबेश उसी नतीजे पर पहुंचे हैं लेकिन उनका अंदाज-ए-बयां थोड़ा अलग किस्‍म का है. सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन राज्य की 48 लोकसभा सीटों में से सिर्फ 17 सीटें जीत सका. भाजपा ने नौ सीटें जीतीं, जबकि 2019 में यह संख्या 23 थी. प्रदेश में सत्तारूढ़ गठबंधन में भाजपा, एनसीपी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना शामिल है.


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देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में भाजपा के खराब प्रदर्शन का कारण अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से वोट का कम हस्तांतरण था. उन्होंने कहा कि भाजपा के ‘‘कोर मतदाताओं’’ को एनसीपी के साथ गठबंधन पसंद नहीं आया, हालांकि ‘‘80 प्रतिशत’’ अब इस तरह के ‘‘राजनीतिक समझौतों’’ की जरूरत को समझ गए हैं.


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भाजपा नेता ने एक मीडिया कार्यक्रम में कहा, ‘‘यह सच है कि पिछले कुछ आम चुनावों में यह भाजपा का सबसे खराब प्रदर्शन है. हमने 28 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन फिर भी हमें बहुत कम सीटें मिलीं. हालांकि हम 12 सीटें 3 प्रतिशत से भी कम वोटों से हारे जो 3000-6000 वोटों का अंतर है. यह याद रखना चाहिए कि हमें इस (2024 के लोकसभा) चुनाव में सबसे ज्यादा वोट मिले.’’


फडणवीस ने कहा कि भाजपा को शिंदे की शिवसेना (7) और अजित पवार की राकांपा (1) से ज़्यादा सीटें मिलीं. उन्होंने कहा कि दोनों टूटकर बनी पार्टियां थीं, और एक तरह से नई पार्टियां थीं. उन्होंने कहा, ‘‘उनके लिए, यह लोकसभा चुनाव मूल रूप से उनके मतदाताओं का आधार तैयार करने के लिए था. यह उन दोनों (दलों) के लिए थोड़ा मुश्किल था. हमारे लिए, यह तुलनात्मक रूप से आसान था क्योंकि हमारा मतदाता आधार तय हो चुका है." उन्होंने कहा कि ये मुद्दे राज्य विधानसभा चुनावों में दोहराए नहीं जाएंगे.


वोट ट्रांसफर नहीं हुआ
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके फडणवीस ने जोर देकर कहा, ‘‘शिवसेना के लिए अपने वोट हमें हस्तांतरित करना आसान था, क्योंकि दोनों पार्टियों का कई सालों से गठबंधन था. हालांकि, हमने हमेशा एनसीपी के खिलाफ चुनाव लड़ा है. इसलिए, उनके लिए उन वोटों को स्थानांतरित करना मुश्किल था. लेकिन अब, दोनों पार्टियों का मतदाता आधार तय हो चुका है.’’ फडणवीस ने स्वीकार किया कि भाजपा के मूल मतदाताओं को एनसीपी के साथ गठबंधन पसंद नहीं था.


फडणवीस ने यह भी कहा कि राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 80 प्रतिशत पर चर्चा पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा, "जीतने की क्षमता किसी भी तरह की धारणा पर ध्यान केंद्रित करने से अधिक महत्वपूर्ण है". महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नवंबर में होने की संभावना है.


(इनपुट: एजेंसी भाषा के साथ)