Indian Railways: स्टेशनों को टर्मिनल और सेंट्रल नाम देने की होती है बड़ी वजह, रेलवे ने बताया नियम
Difference between Terminal junction and Central: अगर आप रेलवे से सफर करते हैं तो आपने कई बार जंक्शन स्टेशन तो देखें होंगे, लेकिन इसके अलावा टर्मिनल और सेंट्रल स्टेशन भी होते हैं. रेलवे ने ऐसे नाम क्यों दिए. जानिए रेलवे का नियम.
Difference between station and junction: भारत दुनिया का 5वां सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है. जहां 7 हजार से भी ज्यादा रेलवे स्टेशन है. रेलवे देश के करोड़ों लोगों की धड़कन है. आप भी कई बार ट्रेन से सफर करते होंगे. आपने सफर के दौरान कई बार रेलवे स्टेशनों पर अलग-अलग नाम देखे होंगे. जहां किसी-किसी स्टेशनों के नाम के बाद कुछ खास शब्द जुड़ा रहता है. जैसे आपने कई स्टेशनों के नाम के पीछे जंक्शन (Junction), टर्मिनल/टर्मिनस (Terminal/Terminus) या सेंट्रल (Central) लिखा हुआ देखा होगा. ये नाम हर स्टेशन पर देखने को क्यों नहीं मिलते? रेलवे इन शब्दों का यूज किन स्टेशनों पर करता है?
टर्मिनल/टर्मिनस (Terminal/Terminus)
सबसे पहले तो आप ये बात जान लीजिए कि टर्मिनल और टर्मिनस (Terminal/Terminus) में कोई अंतर नहीं होता है. अगर किसी स्टेशन पर टर्मिनल लिखा रहे तो समझ लेना वह आखिरी स्टेशन है. जहां से ट्रेनें आगे नहीं जाती हैं यानी कि यहां से ट्रेन की शुरूआत होती है या यात्रा खत्म होती है. जैसे दिल्ली का आनंद विहार टर्मिनल (Anand Vihar Terminal) और मुंबई का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (Chhatrapati Shivaji Maharaj Terminus) इसके उदाहरण है.
सेंट्रल का मतलब भी जान लीजिए
अगर आप किसी रेलवे स्टेशन पर सेंट्रल लिखा देखें, तो समझ लेना कि ये शहर का सबसे मेन और सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है. इस स्टशेन पर एक साथ कई ट्रेनें आती-जाती हैं. आपको ये बात भी ध्यान रखना चाहिए कि सेंट्रल स्टेशन उन्हीं शहरों में बनाया जाता है, जहां दूसरे रेलवे स्टेशन भी मौजूद होते हैं. इन रेलवे स्टेशनों की मदद से ही बड़े शहरों को एक-दूसरे से जोड़ा जाता है. जैसे मुंबई सेंट्रल (Mumbai Central), कानपुर सेंट्रल (Kanpur Central) और चेन्नई सेंट्रल (Chennai Central).
जंक्शन(Junction) का क्या मतलब होता है?
जहां आप जंक्शन (Junction) लिखा देखें, समझ जाना कि यहां दो से ज्यादा ट्रेन के रूट निकल रहे हैं. जंक्शन पर कम से कम तीन मार्ग होते ही हैं, एक से ट्रेन आती है और दो विकल्प उसके पास होते हैं कि किस मार्ग से उसे जाना है. ऐसे में ट्रेन अपना मार्ग चुन लेती है. इसके अलावा इससे रेलवे ट्रैफिक में भी कोई दिक्क्त नहीं आती है. मथुरा जंक्शन (Mathura Junction) से सात रूट निकलते हैं. वहीं, इसके बाद सेलम जंक्शन (Selam Junction), जहां से छह रूट निकलते हैं.
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