Mamata Banerjee Statement On BSF: बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा जब भी जोर पकड़ता है, पहला सवाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से पूछा जाता है. सवाल राज्य की इंटेलिजेंस पर उठता है, लेकिन आज ममता बनर्जी और उनके भतीजे ने वो बयान दिया जिस पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी, जो सासंद भी है, इन लोगों ने देश में बांग्लादेशियों की घुसपैठ पर BSF को निशाने पर ले लिया है. ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के हिसाब से जो अवैध बांग्लादेशी भारत में घुस रहे हैं, उसके जिम्मेदार पश्चिम बंगाल की फेल इंटेलिजेंस नही बल्कि BSF के जवान हैं. वो दावा कर रही हैं कि ये केंद्र की योजना है  कि BSF के जरिए बांग्लादेशियों की घुसपैठ कराई जाए और पश्चिम बंगाल को अस्थिर कर दिया जाए. मतलब कुछ भी चल रहा है! मनगढ़ंत बातें, जिनका कोई सिर-पैर ही नही... लोकल पॉलिटिक्स को सूट करे तो जो मन करे बोल के निकल जाओ, लेकिन चूंकि हमला देश के सुरक्षाबलों पर है तो बोल कर निकल तो नही पाएंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

CM ममता जवाब दें...


सियासी फायदे के लिए BSF को विवाद में घसीटना कितना सही है?


ऐसी बातें करने वालों को पता होना चाहिए कि भारत और बांग्लादेश के बीच 4 हजार 96 किलोमीटर की सीमा है. अधिकतर हिस्से में नदिया और घने जंगल है. इन्हीं जंगलों में और विकट हालात में BSF का जवान तैनात रहता है, अपने परिवार को छोडकर... और आप कह रहे हैं कि BSF घुसपैठ कराती है. CM ममता जवाब दें कि BSF को घुसपैठ के लिए जिम्मेदार ठहराकर आखिर वो, क्या हासिल करना चाहती हैं?


ममता बनर्जी का फौज को टारगेट करने का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है. क्या ममता बनर्जी  2026 के विधानसभा चुनाव के पहले घुसपैठ पर पल्ला झाडकर अपना दामन साफ दिखाना चाहती है और दोषी बता रही है BSF को?


यह भी पढ़ें: पुलिस कर रही बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई, क्या होती है वापस भेजने की प्रक्रिया


दो दिन पहले पश्चिम बंगाल के मालदा में लवली खातून नाम की एक बांग्लादेशी का पता चला जो ग्राम प्रधान तक बन गई हैं. लवली खातून अब ममता बनर्जी की पार्टी TMC की नेता हैं. क्या ये भी बीएसएफ की वजह से हुआ? मतलब आप अवैध बांग्लादेशियों को चुनाव लडवाकर पार्टी में शामिल करवाए और ठीकरा BSF पर फोड़ें?


ममता सरकार पर ये आरोप हैं वोट के लिए बांग्लादेशी घुसपैठ को बढ़ावा देती रही हैं. लेकिन यहां तो वो उल्टी गंगा बहा रही है.


क्या बीएसएफ के बलिदान भूल गईं ममता?


बीएसएफ को कोसते हुए एक बार दिमाग में नही आया कि ये वो जवान हैं जो माइनस तापमान पर सीमा की सुरक्षा करते हैं, परिवार को घर पर छोड़कर सीना ताने दुश्मन के सामने खडे होते हैं, राजस्थान की सीमा पर पारा जब पचास डिग्री के पार पहुंचता है तब भी ये डटे रहते हैं.


-1965 से लेकर अब तक देश की सुरक्षा करते BSF के 1992 जवानों ने शहादत दी है.


-2016 से 2020 यानी सिर्फ पांच सालों में BSF के 78 जवान शहीद हुए.


-BSF का ट्रैक रिकॉर्ड ये है कि अब तक 1330 मेडल से BSF को सम्मानित किया जा चुका है.


-एक महावीर चक्र


-6 कीर्ति चक्र


-13 वीर चक्र


-3 शौर्य चक्र


-56 सेना मेडल


-1,241 पुलिस मेडल


यह भी पढ़ें: 'भारत में BSF करा रही घुसपैठ, महिलाओं पर हो रहे जुल्म', मोदी सरकार पर गरजीं ममता


'जवान' से ममता को क्यों चिढ़?


BSF को मिले ये मेडल्स साहस, जांबाजी और देश पर प्राण न्योछावर करने के जज्बे के खातिर ही मिले हैं. ये ही है BSF का CERTIFICATE... उन्हें वोट बटोरने वाले किसी नेता की तरफ से CHARACTER CERTIFICATE नहीं चाहिए. लेकिन जिस मोड में ममता बनर्जी है उसी पर उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी भी हैं.


बांग्लादेशी घुसपैठियों के प्रति ममता बनर्जी का प्यार इसलिए छलक रहा है क्योंकि उन्हें वोट बैंक दिख रहा है और बीजेपी बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ इसलिए आग उगल रही है क्योंकि राष्ट्रवादी सियासत को ये बिल्कुल सूट नहीं करता. लेकिन इस वक्त इस सवाल का जवाब पूरा देश जानना चाहता है कि भारत में घुसपैठियों की असली संख्या कितनी है.


2017 में गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा था कि करीब चालीस हज़ार रोहिंग्या भारत में घुसपैठ कर चुके हैं. इसके पहले] 19 नवंबर 2016 को गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने राज्यसभा में बताया था कि करीब दो करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठिये भारत में रह रहे हैं.


दो करोड़... ये सात साल पहले का बांग्लादेशी घुसपैठियों का डेटा है. उसके बाद बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर चर्चा तो बहुत हुई लेकिन देशव्यापी अभियान अब चलाया जा रहा है. और मुश्किल ये है कि इस पर भी सियासत हो रही है.