नई दिल्ली: एक लोकतंत्र तभी मजबूत बन सकता है जब वहां महिलाओं को सम्मान मिलता हो. लेकिन एक लोकतंत्र को मजबूत बनाने का काम वहां के विपक्ष का भी होता है. हमारे देश में महिलाओं की स्थिति कमजोर है तो विपक्ष भटका हुआ नजर आ रहा है. इसिलए अब हम लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका का विश्लेषण करेंगे.


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संसदीय परंपरा में ये जरूरी है कि विपक्ष सरकार के कामकाज की आलोचना करे, लेकिन सुधार के लिए सुझाव भी दे. लेकिन सरकार के विरोध के नाम पर पिछले 7 वर्षों में विपक्ष भटक हुआ नजर आता है.


 हर मुद्दे का विरोध करना विपक्ष का काम
2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का वादा किया था. केंद्र सरकार का मानना है कि अगर खेती से जुड़े कुछ पुराने कानूनों में बदलाव कर दिए जाएं तो किसानों की आमदनी दोगुनी की जा सकती है. लेकिन विपक्ष को कृषि से जुड़े कानूनों में खोट नजर आती है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष की इसी सोच पर सवाल उठाया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उत्तराखंड में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने किसानों पर बने नए कानून पर टिप्पणी की और कहा कि विपक्ष के लोग न तो किसानों के साथ हैं, न तो नौजवानों के साथ हैं और न ही देश के वीर जवानों के साथ हैं. हर मुद्दे का विरोध करना ही सिर्फ विपक्ष का काम बन गया है.


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