नई दिल्‍ली: आपमें से बहुत सारे लोग साल 2020 को भूल जाना चाहते होंगे, कुछ लोग तो कह रहे हैं कि अगर उनका बस चले तो वो इस साल को अपने जीवन से डिलीट ही कर दें.  लेकिन  साल 2020 भूलने का नहीं, बल्कि याद रखने का साल है. साल 2020 एक सख्त टीचर  की तरह था, कड़ाई बरतने वाले शिक्षक को अक्सर छात्र पसंद नहीं करते. छात्र कोशिश करते हैं कि किसी तरह से वो इस शिक्षक की कक्षा में जाने से बच जाएं. लेकिन ऐसा शिक्षक आपको एक बेहतर छात्र बनाता है और अगली कक्षा में जाने के लिए तैयार करता है. 


बदलाव के लिए हमेशा तैयार रहें


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2020 ने भी ठीक ऐसा ही किया है.  इस वर्ष ने हमें ज्यादा बेहतर तरीके से 2021 में जाने लिए तैयार किया है.  2020 ने हमें सबसे बड़ी सीख ये दी है कि बदलाव के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए.  जब हम भी साल 2020  के पहले दिन आपके सामने आए थे, तो हमें भी इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि आगे क्या होने जा रहा है.  तब हमने आपको 2020 में सफल होने के लिए कई फॉर्मूले दिए थे. हमने आपसे कहा था कि इस साल आपको Twenty Twenty Cricket Match जैसी ऊर्जा और गति दिखानी होगी. लेकिन हमारे भी सारे कयास और अनुमान धरे रह गए. हम भी भविष्य में होने वाले बदलावों का अंदाज़ा लगाने से चूक गए. 


अब हमने भी तय किया है कि हम भविष्य और अतीत का ज़रूरत से ज़्यादा अंदाज़ा लगाने की बजाय वर्तमान के पहलुओं को ही आपके सामने रखेंगे और खुद को ज़्यादा ऊर्जावान और बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे. 2021 में आपके काम के जो दो नए शब्द हैं वो हैं ज़्यादा और बेहतर. यानी आपको अपने स्वास्थ्य से लेकर अपने रिश्तों, अपने रोज़गार और अपनी लाइफस्टाइल को पहले से ज़्यादा बेहतर और पहले से ज़्यादा मज़बूत बनाना है.  2020 ने आपके जीवन की गति पर ब्रेक लगाया. इसलिए आने वाले वर्ष में आपको दोगुनी ताकत लगानी होगी और अपनी क्षमताओं को ज़्यादा से ज़्यादा बढ़ाना होगा और अपने व्यक्तित्व को बेहतर बनाना होगा. 


अगर आप सही दृष्टि से देखेंगे तो आपको समझ आएगा कि ये साल किसी शिक्षक की तरह था. जो हमें जाते जाते जीवन के बारे में एक नया नज़रिया दे गया.  अगर आप 2020 को एक शिक्षक की तरह देखेंगे और इसके द्वारा सिखाई गई बातों को अपने जीवन में जगह देंगे तो आप अगले वर्ष में खुद को दूसरों के मुकाबले इक्कीस साबित कर पाएंगे और आपकी सफलताओं को नया साल खुद इक्कीस तोपों की सलामी देगा. 


इस साल से हमने जो चार बड़ी बातें सीखी हैं वो हैं कि आने वाला भविष्य स्वस्थ लोगों का है, Immunity आपका सबसे बड़ा पासपोर्ट है और आपकी शारीरिक मज़बूती, सभी संकटों को पार करने की सबसे बड़ी कुंजी है. 


दूसरी सीख ये है कि आपका घर और परिवार ही आपका सबसे बड़ा सहारा है.  इस महामारी के दौरान जब लोगों के साथ कोई नहीं खड़ा था. तब भी उनका परिवार उनके साथ था यानी स्वास्थ्य अगर सफलता की नई कुंजी है तो परिवार आपकी सबसे बड़ी पूंजी है. 


तीसरी महत्वपूर्ण बात इस साल ने ये सिखाई कि चाहे हालात जैसे भी हों आपको प्रार्थना करना चाहिए कि आपका रोज़गार बना रहे क्योंकि, अगर आपके पास रोज़गार है तो आप ऐसे संकटों का सामना औरों के मुकाबले बेहतर तरीके से कर सकते हैं. 


चौथी बात इस साल ने ये सिखाई है कि कुछ भी स्थायी नहीं है.  आपको बदलाव के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए क्योंकि कभी भी कुछ भी बदल सकता है.  इसलिए 2020 से घृणा मत कीजिए बल्कि इसे एक गुरु समझकर इसे धन्यवाद दीजिए और इस गुरु से सीख लेकर ये तय कीजिए कि 2021 में आपको कैसा जीवन जीना है और वर्ष बदलने के साथ खुद को कैसे बदलना है.


नए साल में प्रवेश की उत्सुकता


नया साल आ गया है. लोग नए साल का स्‍वागत कर रहे हैं और सबसे बड़ी बात ये है कि लोग किसी तरह से छलांग लगाकर सीधे नए साल 2021 में प्रवेश करना चाहते थे.  इस बार नए साल में प्रवेश की ये उत्सुकता शायद इसलिए भी ज़्यादा थी क्योंकि, बहुत से लोगों के लिए  वर्ष 2020 उम्मीदों पर ख़रा नहीं उतरा और  शुरुआत से ही ये साल अपने साथ चुनौतियां और संकट लेकर आया. वैसे तो हर साल की शुरुआत में नए कैलेंडर जारी किए जाते हैं और उसके हर महीने के पेज पर सुंदर सुंदर तस्वीरें लगाई जाती है.  लेकिन हम आपको साल  2020 का  कैलेंडर दिखाना चाहते हैं, जिस पर सुंदर तस्वीरें तो नहीं हैं, लेकिन बीते हुए साल की पूरी टाइमलाइन ज़रूर है. 


इस कैलैंडर को देखकर आप कह सकते हैं कि वर्ष 2020 में महीने तो सिर्फ़ तीन ही थे, बाकी सब चुनौतियों, संकट, ख़बरों और आंदोलन के नाम से याद किए जाएंगे.  जनवरी, फरवरी मार्च तक लगभग सब ठीक था, लेकिन इसके बाद कोरोना वायरस आ गया. फिर लॉकडाउन लग गया. लोगों ने इसके बाद के दो महीने टेलीविजन पर रामायण और महाभारत जैसे सीरियल देखते हुए बिताए, फिर जैसे तैसे अनलॉक हुआ. लेकिन आगे के कुछ महीने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या, रिया चक्रवर्ती और ड्रग्स की ख़बरों को देखते और सुनते हुए बीत गए. फिर साल के आखिर में लोगों ने सबकुछ भुलाकर IPLपर ध्यान लगाना शुरू कर दिया और जब ये ख़त्म हुआ तो साल के आखिरी महीने यानी दिसंबर में पूरा देश किसानों के आंदोलन की चर्चा में डूब गया.  इसलिए हमने आपके लिए इस साल का ये कैलेंडर तैयार किया है


संयम और धैर्य की परीक्षा


साल 2020 की शुरुआत में जब हम आपके सामने आए थे, तो हमने आपसे कहा था कि इस साल आपको Twenty Twenty Cricket Match जैसी ऊर्जा को अपने व्यक्तित्व का हिस्सा बनाना होगा. हमने आपको आपके काम के दो शब्द भी दिए थे और ये शब्द थे गति और ऊर्जा.  लेकिन इस वर्ष ने लोगों के जीवन पर ब्रेक लगा दिया और लोगों को Twenty Twenty Mode में जीवन जीने का मौका ही नहीं मिला और जीवन किसी Test Match में बदल गया. Test Match में संय़म और धैर्य का परिचय देना होता है और वर्ष 2020 ने लोगों के संयम और धैर्य की ही सबसे ज़्यादा परीक्षा ली. इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि इस साल ने अगर आपको मज़बूत बनाया है तो साल 2021 आपको प्रसन्न बनाएगा. 


साल 2020 में  दुनियाभर के देशों में कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगाया गया. आर्थिक गतिविधियों पर ब्रेक लग गया और महामारी और मृत्यु ने लोगों को बुरी तरह से डरा दिया.  एक साल खत्म होने में 8 हज़ार 760 घंटे, 5 लाख 25 हज़ार 600 मिनट और 3 करोड़ 15 लाख 36 हज़ार सेकंड लगते हैं. लेकिन इन 12 महीनों, हज़ारों घंटों, लाखों मिनटों और करोड़ों  सेकंड्स ने ऐसा बहुत कुछ बदल दिया है जिनकी वजह से साल 2021 , पिछले साल से पूरी तरह अलग होगा.


नए साल में जब आप अपने जीवन की गाड़ी आगे बढ़ाएंगे तो आपको इस साल मिले अनुभवों का इस्तेमाल गाड़ी में लगे Rear View Mirror की तरह करना होगा.  Rear View Mirror की मदद से आप पीछे से आते हुए ट्रैफिक को देख पाते हैं और सड़क पर संभलकर गाड़ी चला पाते हैं.


2020 के कुछ अनुभव


आज हम आपको वर्ष 2020 के कुछ ऐसे ही अनुभवों के बारे में बताना चाहते हैं.  इस साल ने सिर्फ जीवन की नहीं, बल्कि मृत्यु की भी प्रथाओं को बदल दिया. 


इस साल देश के पूर्व राष्ट्रपति से लेकर, बड़े बड़े फिल्म स्टार्स, खिलाड़ियों और नेताओं की मृत्यु हुई.  लेकिन इस साल जिसकी मृत्यु हुई वो चाहे बहुत बड़े पद पर रहा हो, बहुत अमीर रहा हो या बहुत मशहूर रहा हो, उसकी अंतिम यात्रा में मुट्ठी भर लोग भी शामिल नहीं हो पाए. मृत्यु एक अटल सत्य है, लेकिन बहुत सारे लोगों के मन में ये ख्याल भी आया होगा कि अगर मृत्यु आनी ही है, तो कम से कम साल 2020 में न आए क्योंकि, इस साल अगर कोई इस दुनिया से गया  तो उसके जाने पर आंसू बहाने के लिए 4 लोग भी मौजूद नहीं थे.


जीवन जीने का नया मंत्र 


इंसान ने जीवन में क्या पाया, इसका अंदाज़ा अब तक इसी बात से लगाया जाता था कि उसके जनाज़े में कितने लोग शामिल हुए हैं, लेकिन कोरोना वायरस ने इस बात तो भी गलत साबित कर दिया.  साल 2020  ने क्या लेकर आए थे और क्या लेकर जाओगे जैसी कहावत को चरितार्थ कर दिया. बड़े बड़े लोग भी अचानक इस दुनिया से चले गए और किसी को पता तक नहीं चला. जीवन भर लोग धन संपत्ति के साथ साथ इस बात की भी चिंता करते हैं कि जब उनकी मृत्यु आए तो ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हो, लेकिन इस वर्ष ने साबित कर दिया कि आप चाहे कोई भी योजना बना लें. समय हर योजना को बदलाव की कसौटी पर परखना जानता है. 


Health Is Wealth जैसी बातें किताबों से बाहर निकलकर जीवन जीने का नया मंत्र बन  गईं और Honesty Is The Best Policy जैसी बातें नए समय की नई जरूरत बन गईं. 


इस साल जो कुछ हुआ उसने लोगों को ये भी बता दिया कि जब मुसीबत की घड़ी आती है तो सच्चे और झूठे दोस्तों की पहचान हो जाती है. लोगों को अपने ही दोस्तों और रिश्तेंदारों का सच पता लग गया.  लेकिन आपको अब किसी से दुश्मनी पालने की जरूरत नहीं है बल्कि आप उन सभी लोगों को माफ करते चलें. जिन्होंने संकट की इस घड़ी में आपका साथ नहीं दिया क्योंकि,  कमज़ोर कभी किसी को माफ नहीं करता, ये शक्तिशाली लोगों का गुण है. इसलिए माफ करना सीखिए.


सीखने की कोई उम्र नहीं


इसके अलावा भी इस साल ने हमें बहुत कुछ सिखाया है. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण ये है कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती. बच्चों ने सीखा कि शिक्षा ऑनलाइन भी हासिल की जा सकती है तो बड़ों ने सीखा कि घर से भी दफ्तर के काम निपटाए जा सकते हैं और बुजुर्गों ने सीखा कि अगर मन में ईश्वर हो तो घर भी मंदिर बन जाता है. 


एक बात इस साल ने और सिखाई और वो ये कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता. आपके गली मोहल्लों में आने वाले सफाईकर्मियों पर पहले कोई ध्यान तक नहीं देता था, लेकिन इस साल यही लोग कोरोना वायरस और आपके बीच दीवार बनकर खड़े रहे और लोगों को इनका महत्व समझ में आया. 


स्वच्छता की अहमियत


इसी साल लोगों ने सही मायनों में स्वच्छता की अहमियत को पहचाना.  स्वच्छता इस दौर में हमारी जरूरत बनी और अब ये लोगों की आदत बनने लगी है. 


ये साल, ये भी सिखाकर गया है कि मृत्यु और महामारियां, अमीर और गरीब में भेद नहीं करती और संकट राजा से लेकर रंक तक को एक ही दृष्टि से देखता है. इस दौरान दुनिया के बड़े-बड़े नेताओं की कुर्सियां चली गईं  या फिर बड़े बड़े लोगों को इस वायरस का संक्रमण हो गया और अपनी सारी शक्तियों के बावजूद कोई इसे रोकने के लिए कुछ नहीं कर पाया.  इस वर्ष ने सही सूचनाओं के महत्व को भी एक बार फिर लोगों के सामने रखा. भ्रामक खबरों और दुष्प्रचार को पहचानने में लोग ज्यादा सक्षम हुए और सही जानकारी इस वायरस से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार बन गई.


ये वर्ष लोगों के जीवन में एक और बड़ा परिवर्तन लेकर आया और वो परिवर्तन ये था कि सोशल डिस्‍टेंसिंग  की वजह से लोगों ने आपस में मिलना जुलना बंद कर दिया और महत्वपूर्ण से महत्वपूर्ण मुलाकातें ऑनलाइन ही होने लगीं.  असली दुनिया सोशल डिस्‍टेंसिंग के नियम कायदों में कैद होकर रह गई तो आभासी दुनिया नए ज़माने का सच बन गई. 


बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं, जो इस बार नए साल का जश्न मनाने से कतरा रहे हैं. इन लोगों का मानना है कि नए साल का जश्न मनाकर इन्हें एक प्रकार का अपराध बोध हो रहा है.  लेकिन ध्यान रखिए, अपराध बोध तब होता है जब आप अपनी शक्ति और क्षमताओं का प्रदर्शन करने के लिए नए साल को सेलिब्रेट करते हैं. लेकिन अगर आप इस मौके का इस्तेमाल कुछ लोगों के जीवन में खुशियां फैलाने के लिए करेंगे तो आपको अपराध बोध नहीं होगा, बल्कि नया वर्ष आपके मन में दूसरे लोगों के काम आने और उनकी सेवा करने का भाव भर देगा. 


क्या एक इंसान के तौर पर आप पहले से बेहतर हुए हैं?


बीता साल कैसा गुज़रा, ये समझने के लिए आपको खुद से कुछ सवाल पूछने चाहिए और इन सवालों के जवाब से ही ये साबित होगा कि आपने साल 2020 में  क्या खोया और क्या पाया. सबसे पहले अपने आप से ये पूछें कि वर्ष 2020 में आपके लिए कौन कौन सी बड़ी सीख शामिल थी. फिर आप खुद से ये पूछें कि क्या एक इंसान के तौर पर आप पहले से बेहतर हुए हैं?


वर्ष 2020 में अपनी सबसे बड़ी 10 असफलताओं की लिस्ट बनाकर भी आप नई तैयारी के साथ वर्ष 2021 में प्रवेश कर सकते हैं. खुद से चौथा सवाल ये पूछें कि वर्ष 2021 में ऐसी कौन सी 5 चीज़ें होंगी, जिन्हें आप हर कीमत पर करना चाहते हैं ? आप अपनी ऐसी पांच बुरी आदतों की लिस्ट भी बना सकते हैं जिनसे आप वर्ष 2021 में छुटकारा पाना चाहते हैं. 


नए वर्ष के पहले दिन से आप अपनी दिनचर्या में ऐसा क्या बदलाव करेंगे कि आप 24 घंटे सकारात्मक ऊर्जा से भरे रहें. 


अपने आप से एक सवाल ज़रूर पूछें, वो ये कि आप अपनी जिंदगी से तनाव और संघर्ष को कम करने के लिए क्या करने वाले हैं और सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये कि वर्ष 2021 में अपना और अपने परिवार का ख्याल रखने के अलावा आप ऐसा क्या करेंगे कि आपका समाज और आपका देश आप पर गर्व करे. अगर आप इन सवालों का जवाब तलाश लेंगे तो आप वर्ष 2021 में जोश और ऊर्जा के साथ उतर पाएंगे और अपने साथ साथ दूसरे के जीवन को भी ज्यादा सकारात्मक और ज्यादा बेहतर बना पाएंगे.


नए साल पर नए Resolutions


कहते हैं कि कोई साल उन्नीस होता है, तो कोई बीस होता है,  लेकिन हम आशा करते हैं कि वर्ष 2021 हर लिहाज़ से आपके लिए इक्कीस ही साबित हो.  लेकिन एक बात ध्यान रखें कि नए साल पर नए Resolutions यानी प्रतिज्ञाएं न लें. आपको हमारी ये बात सुनकर हैरानी हो रही होगी.  लेकिन ये बात पूरी तरह सच है.  हम चाहते हैं आप अपना वर्तमान पल पूर्णता और आनंद के साथ व्यतीत करें. भविष्य की चिंता में न डूबें क्योंकि, भविष्य के लिए की जाने वाली प्रतिज्ञाएं अक्सर एक बंधन साबित होती हैं और इन्हें पूरा न कर पाने की स्थिति में आप निराशा और हताशा के शिकार हो जाते हैं.  इसलिए Happy New Year के साथ-साथ Happy Now Here की भावना पर ज़ोर दें. यानी आप जहां जिस स्थिति में मौजूद हैं, खुद को भाग्यशाली मानें और आपके पास जो है, उसके लिए ईश्वर का धन्यवाद करें.  तारीख बदलने से इंसान नहीं बदलता, लेकिन इंसान के बदलने से तारीखें बदल जाती है और इतिहास इस बात का गवाह रहा है. 


तो आज जो दो शब्द हमने आपको दिए हैं, उन्हें आप जरूर याद रखें. ये दो शब्द हैं, ज्यादा और बेहतर लेकिन यहां ज्यादा का अर्थ ज्यादा धन संपत्ति जमा करना, ज्यादा लोकप्रियता पाना, या ज्यादा ऊंचे पदों पर पहुंचना नहीं है. ज्यादा का अर्थ है ज्यादा परिश्रम करना, ज्यादा पुरुषार्थ करना, अपने स्वास्थ्य का ज्यादा ध्यान रखना, अपने लोगों का ज्यादा ख्याल रखना और ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद करना. जब आप ये सब करेंगे तो आप आपका व्‍यक्तित्‍व  और आपका भविष्य दोनों बेहतर हो जाएंगे. इसलिए इन दो शब्दों ज्‍यादा और बेहतर को जरूर याद रखें.