इंदौर में 1 जनवरी से भिक्षावृत्ति पर पूर्ण प्रतिबंध लागू हो जाएगा. 1 जनवरी से अगर कोई भी व्यक्ति भीख मांगते पाया गया तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी. साथ ही अगर कोई व्यक्ति भीख देते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ भी FIR दर्ज की जाएगी. भीख दोगे, जेल जाओगे. 1 जनवरी से फुल बैन. दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से देश के 10 शहरों को भिखारियों से निजात दिलाने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरु किया है. इन शहरों की लिस्ट में इंदौर का नाम भी शामिल है. इंदौर प्रशासन और पुलिस 31 दिसंबर तक इसको लेकर शहर में जागरुकता अभियान चला रहा है. इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर, जिसमें दाग की तरह दिखते हैं शहर में फैले 20 हजार से ज्यादा भिखारी.


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भिखारियों का धंधा बंद हो जाएगा


लेकिन नये साल से इंदौर के भिखारियों का धंधा बंद हो जाएगा. इंदौर के भिखारियों को समझ नहीं आ रहा कि अब वो करें तो करें क्या. कहें तो कहें क्या? इंदौर के भिखारियों की तरफ से प्रशासन को सुझाव दिये जा रहे हैं. जिससे इंदौर से भिक्षावृत्ति भी खत्म हो जाए और भिखारियों का भी भला हो जाए.इंदौर के भिखारी तो बड़े क्रियेटिव निकले. लेकिन ये क्रियेटिविटी भी तब जागी जब भीख का धंधा बंद होने का खतरा मंडराया. वर्ना इनके लिए भीख से ज्यादा फायदेमंद धंधा कोई और नहीं था. वैसे भिखारियों को लोन देकर काम धंधा करवाने का आइडिया लोगों को भी पसंद आ रहा है. 


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अब भिखारियों को लोन मिलेगा या नहीं, ये तो पता नहीं. लेकिन 1 जनवरी से इंदौर की सड़कों पर कोई भिखारी दिखेगा नहीं. इस बात की इंदौर प्रशासन सौ प्रतिशत गारंटी ले रहा है. कम से कम इंदौर के कलेक्ट्र आशीष सिंह तो यह कह रहे हैं. इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए प्रशासन ने तीन चरणों में काम किया है. पहले चरण में प्रचार किया गया. अभी समझाइश का दौर चल रहा है. 1 तारीख से भीख मांगते या भीख देते हुए पकड़े गये तो केस भी होगा और चालान भी कटेगा.