Jammu Kashmir Latest Updates: जम्मू- कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद वे सब सुखद चीजें हो रही हैं, जिसके बारे में पहले कभी किसी ने सोचा भी नहीं था. कौन कह सकता था कि 'कश्मीर बनेगा पाकिस्तान' के नारे से गूंजने वाली कश्मीर घाटी में कभी दशहरा भी मनेगा और वहां रावण का पुतला जोर-शोर से फूंका हो जाएगा लेकिन मंगलवार को यह चमत्कार हुआ. दशहरा के मौके पर 33 साल बाद श्रीनगर में शानदार शोभा यात्रा निकाली गई, जिसमें शामिल श्रद्धालु नाचते-गाते बुराई पर अच्छाई की जीत की बधाई दे रहे थे. 


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शहर के लोगों ने किया स्वागत


शोभा यात्रा (Dussehra 2023 in Kashmir) श्रीनगर के प्रमुख मंदिर से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरी. इस दौरान शोभा यात्रा में धार्मिक झंडियों, मूर्तियों और सांस्कृतिक प्रदर्शनियां शामिल की गई थी. इस यात्रा में भारी भीड़ शामिल हुई. शोभा यात्रा की 33 साल बाद वापसी का श्रीनगर के निवासियों ने उत्साह से स्वागत किया. उनमें से कई लोग वे भी थे. जिन्होंने करीब 35 साल पहले दशहरे पर शोभा यात्रा निकलते देखी थी लेकिन बाद में आतंकवाद की वजह से ये सिलसिला खत्म हो गया. 


वर्ष 1989 के बाद पहली बार निकली यात्रा


कश्मीर पंडित संघर्ष समिति के प्रमुख और आयोजक संजय टिक्कू ने बताया कि दशहरा (Dussehra 2023 in Kashmir) के अवसर पर यह शोभा यात्रा 1989 के बाद पहली बार आयोजित की गई है. अब अगले साल भी यह यात्रा निकाली जाएगी. सिटी सेंटर लाल चौक से लेकर श्रीनगर शहर के अन्य सभी प्रमुख क्षेत्रों तक निकली इस यात्रा में लोगों ने जैसा स्वागत किया, उससे वे अभिभूत हैं. उन्होंने कहा, 'शोभा यात्रा की वापसी हमारी विविधता और एकता का उत्सव है. यह श्रीनगर में हम सभी के लिए गर्व का क्षण है. यह त्योहार कश्मीर में कश्मीरी पंडित और मुस्लिम समुदाय के बीच सामुदायिक बंधन का भी प्रतीक है.'


और धू-धू कर जल उठे पुतले


शोभायात्रा (Dussehra 2023 in Kashmir) श्रीनगर के क्रिकेट स्टेडियम में पहुंची, जहां रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के विशालकाय पुतले बनाए गए थे. शोभा यात्रा के पहुंचते ही भीड़ ने जोर से जयकारे लगाने शुरू कर दिए. इसके बाद राम-रावण का युद्ध हुआ, जिसमें भगवान राम ने तीर मारकर रावण का वध कर दिया. इसके साथ ही तीनों पुतले धू-धू कर जलने लगे. 


फिर दिखी शांति की किरण 


राजनेता मोहित भान ने कहा कि श्रीनगर में दशहरे (Dussehra 2023 in Kashmir) का यह भव्य उत्सव कश्मीर के सदियों पुराने भाईचारे का उदाहरण है, जिसमें सभी धर्मों के लोगों ने भाग लिया और सच्चाई की जीत का जश्न मनाया. उन्होंने कहा कि यह सब ऐसे वक्त में हुआ है, जब दुनिया में हर जगह नफरत और द्वेष फैला हुआ है. ऐसे हालात में कश्मीर एक बार फिर से अमन और शांति की किरण लेकर आया है.


एलजी के सलाहकार ने भी लिया भाग


जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल के सलाहकार आर आर भटनागर ने भी श्रीनगर (Dussehra 2023 in Kashmir) के दशहरा उत्सव में भाग लिया. मीडिया से बात करते हुए भटनागर ने इस उपलब्धि के लिए जिला प्रशासन और जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि शोभा यात्रा की ऐतिहासिक वापसी घाटी में शांति, भाईचारे और सांप्रदायिक सद्भाव शुरू होने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है.