Money Laundering Case में पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा से ED की पूछताछ, प्राइवेट बिल्डरों को फायदा पहुंचाने का आरोप
Haryana news: प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने हरियाणा के मानेसर में जमीन घोटाला (Manesar Land Scam) मामले में दूसरी सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल की है. इसी सिलसिले में एजेंसी ने हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछताछ की है.
Manesar Land Scam: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) से मनी लॉड्रिंग मामले में पूछताछ कर रही है. आपको बताते चलें कि हुड्डा के खिलाफ गुड़गांव से सटे मानेसर में प्राइवेट बिल्डरों को फ़ायदा पहुंचाने का आरोप लगा है. आपको बताते चलें कि इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने हरियाणा के मानेसर में जमीन घोटाला (Manesar Land Scam) मामले में दूसरी सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल की थी.
आरोप पत्र में ये बड़े नाम-108.79 करोड़ की संपति भी अटैच
ये चार्जशीट में ABW Infrastructre Ltd, उसके मालिक अतुल बंसल, पत्नी सोना बंसल, Mahamaya Export Pvt Ltd, शशिकांत चौरसिया, दिलिप ललवानी, वरिंदर उप्पल, विजय उप्पल, रविंदर तनेजा, TDI Infrastructure Ltd, Wisdom Realtors Pvt Ltd और AB Rephcons Infrastructure Pvt Ltd के खिलाफ दायर की है. ED ने अपनी जांच गुरूग्राम पुलिस और बाद में CBI की दर्ज FIR के बाद शुरू की थी. CBI ने इसमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 34 लोगों को आरोपी बनाया था जिसके बाद ED ने इसमें मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज किया था. इसमें अब तक 108.79 करोड़ की संपति भी अटैच की जा चुकी है.
कैसे शिकंजे में आए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा?
चार्जशीट के मुताबिक हरियाणा सरकार ने साल 2004 में एक नोटिफिकिशन निकाला था जिसमें कहा गया था की सरकार मानेसर में 912 एकड़ में Industrial Model Township लेकर आयेगी और इसके लिये मानेसर के किसानों की जमीन को भी लिया जायेगा. आरोप है कि ये सब कुछ बिल्डरों की मिलिभगत से किया गया था. बिल्डरों ने मानेसर, नौरंगरपुर और लखनौला के किसानों को सस्ते दामों पर जमीन अधिग्रहण का डर दिखाकर 20 से 25 लाख रुपये में ही 350 एकड़ जमीन को हथिया लिया, इसके बाद बिल्डरों के कहने पर सरकार ने जमीन अधिग्रहण का नोटिफिकेशन निकाला और बिल्डरों ने 50 एकड़ जमीन को 1 से 1.5 करोड़ में खरीद लिया जबकि उस समय जमीन की कीमत प्रति एकड़ करीब 4 करोड़ थी.बाद में सरकार ने साल 2007 में ये नोटिफिकेशन वापिस ले लिया था. इससे जमीन मालिकों को करीब 1500 करोड़ का नुकसान हुआ था.
ऐसे हुआ घोटाला
बिल्डरों ने इस जमीन को किसानों से खरीदने के बाद दूसरे बिल्डरों को मंहगे दामों पर बेच दिया था जिससे बिल्डरों को तो फायदा हुआ लेकिन असल जमीन मालिकों को काफी नुकसान हुआ था.जांच में पता चला कि किसानों से सबसे ज्यादा जमीन ABWIL ग्रुप के मालिक अतुल बंसल ने खरीदी थी और बाद में दूसरे बिल्डरों को मंहगे दामों पर बेच दी थी. इस पुरे मामले में CBI ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 34 आरोपियों के खिलाफ फरवरी 2018 में हरियाणा के पंचकुला में चार्जशीट भी दाखिल की थी.