भोपाल: मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री (Medical Education Minister Of MP) विश्वास सारंग ने मंगलवार को बताया कि प्रदेश में एमबीबीएस पाठ्यक्रम (MBBS Syllabus) के छात्रों को हिंदी माध्यम में पढ़ाने की तैयारी चल रही है और राज्य में इसकी शुरुआत भोपाल के शासकीय गांधी चिकित्सा महाविद्यालय (Government Gandhi Medical College) से की जाएगी.


मध्यप्रदेश होगा देश का पहला ऐसा राज्य


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मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) एमबीबीएस की शिक्षा (MBBS Education) हिंदी माध्यम से देने वाला देश का पहला राज्य होगा. इसके अलावा सारंग ने बताया कि हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम निर्धारित करने की कार्य योजना तैयार करने और इस पर रिपोर्ट देने के लिए मध्यप्रदेश चिकित्सा शिक्षा संचालक (Madhya Pradesh Director Of Medical Education) डॉ. जितेन शुक्ला की अध्यक्षता में 14 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति (High Level Committee) का गठन किया गया है. 


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी घोषणा 


सारंग ने ‘भाषा’ से बातचीत में बताया, ‘मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने गणतंत्र दिवस पर प्रदेशवासियों के नाम अपने संदेश में राज्य में एमबीबीएस सहित सभी चिकित्सा शिक्षा (Medical Education) हिंदी माध्यम में दिए जाने की घोषणा की थी. उसके साथ ही चिकित्सा शिक्षा विभाग ने इसे लागू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया था.’ उन्होंने कहा, ‘चौहान की मंशा के अनुरूप प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग (Medical Education Department) के अधीन संचालित चिकित्सा महाविद्यालयों (Medical Colleges) में चिकित्सा पाठ्यक्रम को हिंदी माध्यम में पढ़ाने की दिशा में कदम उठाया जा रहा है.’


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गांधी चिकित्सा महाविद्यालय से होगी शुरुआत


सारंग ने बताया, ‘गांधी चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल से इसकी शुरुआत करने का निर्देश दिया गया है. वहां एमबीबीएस पाठ्यक्रम (MBBS Syllabus) को हिंदी माध्यम में (अंग्रेजी माध्यम के साथ-साथ) पढ़ाने की शुरुआत अगले शिक्षण सत्र से की जाएगी.’ वहीं मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग (MP PR Department) के एक अधिकारी ने कहा कि सारंग द्वारा चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम में हिंदी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने और एमबीबीएस के प्रथम वर्ष के विषयों के लिए हिंदी में सप्लीमेंट्री पुस्तकें (Supplementary Books) तैयार करने के लिए विषय-विशेषज्ञों से कुछ दिन पहले चर्चा भी की गई. 


किया गया था विचार-विमर्श


अधिकारी ने कहा कि सारंग ने अटल बिहारी हिंदी विश्वविद्यालय (Atal Bihari Hindi University) के कुलपति, रजिस्ट्रार और एम्स भोपाल (AIIMS Bhopal) और गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सकों के साथ आयुक्त चिकित्सा शिक्षा (Commissioner Medical Education) की उपस्थिति में विचार-विमर्श किया. अधिकारी ने बताया कि पहले चरण में चिकित्सा से जुड़े पाठ्यक्रमों की कक्षाओं में शिक्षकों द्वारा यथा-संभव अधिकतम हिंदी भाषा (Hindi Language) का उपयोग किया जाएगा.



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अध्ययन कर किया जाएगा आकलन 


उन्होंने बताया, ‘प्रथम वर्ष के चिकित्सा छात्रों का अध्ययन (Study) कर आकलन किया जाएगा. हिंदी पृष्ठभूमि (Background) के छात्रों को दो महीने हिंदी और दो महीने अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा देकर उसका आकलन किया जाएगा.’ उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में एमबीबीएस प्रथम वर्ष (MBBS First Year) के तीन विषयों (एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायो-केमेस्ट्री) की पूरक संदर्भ पुस्तकों को हिंदी भाषा में तैयार किया जाएगा. इस कार्य-योजना को पूरा करने के लिए समितियों का गठन किया गया है. 


(इनपुट - भाषा)


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