उद्धव की फडणवीस से हुई मीटिंग, शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने क्या कहा?
Eknath Shinde ने कहा कि जो लोग लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद ‘सातवें आसमान पर’ थे और विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में लौटने पर ‘हमें जेल भेजने की योजना’ बना रहे थे वे अब मुख्यमंत्री से मिल रहे हैं.
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के बीच नागपुर में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि जो लोग लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद ‘सातवें आसमान पर’ थे और विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में लौटने पर ‘हमें जेल भेजने की योजना’ बना रहे थे वे अब मुख्यमंत्री से मिल रहे हैं. उन्होंने कहा, “यह एक स्वागत योग्य बदलाव है. मुख्यमंत्री राज्य के नेता हैं और कोई भी उनसे मिल सकता है.” एकनाथ शिंदे ने शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच मुलाकात को बुधवार को “स्वागत योग्य बदलाव” करार दिया. उद्धव और उनके विधायक बेटे आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को नागपुर में विधान भवन परिसर में फडणवीस और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात की थी. आदित्य ने कहा था कि मुलाकात के दौरान उन्होंने दोनों (फडणवीस और नार्वेकर) को शुभकामनाएं दीं और राजनीतिक परिपक्वता दिखाने एवं लोगों के हित में मिलकर काम करने की दिशा में कदम उठाने की बात कही.
लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीट में से 30 पर जीत दर्ज करने वाले विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनावों में महज 46 सीट से संतोष करना पड़ा था. वहीं, लोकसभा चुनाव में 17 सीट हासिल करने वाले महायुति ने विधानसभा चुनाव में 230 सीट पर जीत दर्ज कर राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखी थी.
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विधानसभा चुनावों के बाद एमवीए नेता इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की शुचिता पर सवाल उठा रहे हैं. शिंदे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महायुति सरकार को “ईवीएम सरकार” कहने के लिए विपक्ष की आलोचना की. शिंदे ने कहा, “जनादेश का अपमान मत कीजिए, वरना लोग अगली बार आपको और कड़ा सबक सिखाएंगे.”
उन्होंने कहा कि फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार, जिसमें भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल हैं, परिणाम देने के लिए एक टीम के रूप में काम करेगी. विपक्ष की मांग के बारे में पूछे जाने पर कि विभागों का आवंटन कब किया जाएगा, ताकि राज्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर जवाब मांगा जा सके, शिंदे ने कहा, “मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री ऐसा करने में सक्षम हैं.”
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उन्होंने 'एक देश, एक चुनाव' नीति लागू करने से पहले मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर चुनाव कराने की उद्धव ठाकरे की मांग को “हास्यास्पद” करार दिया. शिंदे ने कहा, “यह मुख्य निर्वाचन आयुक्त के संवैधानिक पद को चुनौती देने के समान है और संविधान तथा डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का अपमान है.”
शिवसेना की नीलम गोरे को विधान परिषद अध्यक्ष पद पर नियुक्त नहीं किए जाने के बारे में पूछे जाने पर शिंदे ने कहा, “हम महायुति के रूप में काम कर रहे हैं. हम पद को लेकर नहीं लड़ते.”
(इनपुट: एजेंसी भाषा के साथ)