नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी दादी और देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के समय देश पर थोपे गए आपातकाल को गलती करार दिया है. राहुल गांधी ने कहा कि खुद मेरी दादी ने ये बात कही थी.  उन्होंने कांग्रेस पार्टी की आंतरिक लोकतंत्र पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, आपातकाल के दौरान जो हुआ, वह गलत हुआ और आज जो हो रहा है उसमें बुनियादी अंतर है.


मैं ही कांग्रेस के अंदर लोकतंत्र लाया


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

राहुल गांधी ने कहा कि मैं ही यूथ कांग्रेस और स्टूडेंट इलेक्शन में लोकतंत्र लेकर आया. मेरे ही कहने पर आंतरिक चुनावी प्रक्रिया शुरू की गई थी. उन्होंने कहा कि आज मेरी ही पार्टी में लोग मुझपर हमला कर रहे हैं. मेरे पास आपके लिए एक सवाल है कि क्या किसी और पार्टी में ऐसे सवाल पूछे जाते हैं? क्या समाजवादी पार्टी या बहुजन समाज पार्टी में भी शीर्ष नेतृत्व से सवाल पूछा जाता है? ऐसा नहीं है. ऐसे सवाल सिर्फ कांग्रेस में ही पूछे जाते हैं. क्योंकि कांग्रेस एक विचारधारा वाली पार्टी है. हमारी विचारधारा संविधान के प्रति है. हमारी विचारधारा समानता पर आधारित है. हमारे लिए लोकतंत्र में लोकतांत्रिक होना कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है.


ये भी पढ़ें: Gujarat Local Body Elections: निकाय चुनावों में BJP का जलवा बरकरार, कांग्रेस का सूपड़ा साफ


मेरी दादी ने कहा था-आपातकाल एक गलती थी


राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि मेरी दादी ने कहा था कि साल 1975 में देश पर आपातकाल थोपना एक गलती थी. बता दें कि साल 1975 में इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए देश में आपातकाल की घोषणा की थी. ये घोषणा इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस फैसले के बाद आई थी, जिसमें उन्हें संसदीय चुनावी प्रक्रिया से 6 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था. साथ ही पूरे देश में उनके खिलाफ जेपी की अगुवाई में जोरदार विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. गौरतलब है कि आपातकाल के अंत में इंदिरा गांधी ने चुनाव की घोषणा की थी इस बाबत प्रणब मुखर्जी ने बसु से कहा था कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें हारने का डर था. इस संबंध में पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि आपातकाल में जो भी हुआ वह 'गलत' था और उसमें तथा आज की परिस्थिति में मूलभूत अंतर है.