Gujarat local body election results 2021: सत्तारूढ़ बीजेपी ने 31 की 31 जिला पंचायतों पर जीत दर्ज की है. वहीं 81 नगरपालिकाओं में बीजेपी ने 79 पर जीत हासिल की. कांग्रेस किसी भी जिला पंचायत में खाता खोलने में नाकाम रही.
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अहमदाबाद: गुजरात (Gujarat) में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को बंपर जीत मिली है. बीजेपी जहां अपनी जीत से गदगद है. वहीं कांग्रेस के खेमे में मायूसी छाई है. गुजरात प्रदेश कांग्रेस की परेशानी की वजह ये भी है कि हारने वाले उम्मीदवारों में एक मौजूदा विधायक और 7 विधायकों के बेटे भी शामिल हैं. गुजरात में 28 फरवरी को हुई वोटिंग के बाद 81 नगर पालिकाओं, 31 जिला पंचायतों के साथ 231 तालुका पंचायतों के चुनाव में बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी.
अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक गुजरात के स्थानीय निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने लैंड स्लाइड विक्ट्री हासिल की है. मंगलवार को आए नतीजों में सत्तारूढ़ बीजेपी ने 31 की 31 जिला पंचायतों पर जीत दर्ज की है. वहीं 81 नगरपालिकाओं में बीजेपी ने 79 पर जीत हासिल की. कांग्रेस किसी भी जिला पंचायत में खाता खोलने में नाकाम रही. कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया. नगरपालिका की बात करें तो उसे सिर्फ 2 जगह जीत मिली है. वहीं तालुका पंचायत की बात करें तो कुल 231 में BJP को 198, कांग्रेस को 33 और अन्य का खाता भी नहीं खुला.
District Panchayat (31): BJP (31), Congress 00, Others: 00
Nagarpalika (81): BJP (79), Congress 02, Others 00
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी की विराट जीत पर प्रदेश की जनता का आभार जताया है. पीएम ने अपने ट्वीट में लिखा, 'गुजरात के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की जनता ने सर्वसम्मति से विकास पर मुहर लगाई है. सरकार के जनहित के कार्यों ने जहां लोगों के दिलों में जगह बनाई है, बीजेपी कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाई है. हमारी पार्टी गुजरात के सभी भाई-बहनों की प्रगति और गुजरात की उन्नति और विकास के लिए काम करती रहेगी'.
गुजरात के नगरपालिका, तालुका पंचायत और जिला पंचायत चुनावों के नतीजों ने अपना संदेश स्पष्ट कर दिया है। पूरा प्रदेश विकास, सुशासन और जनकल्याण के एजेंडे के साथ मजबूती से खड़ा है। मैं भाजपा के प्रति अटूट विश्वास और असीम स्नेह के लिए गुजरात की जनता को नमन करता हूं।
— Narendra Modi (@narendramodi) March 2, 2021
प्रदेश बीजेपी इन चुनावों के लिए लंबे समय से सक्रिय थी. निकाय चुनावों के लिए विशेष रणनीति बनाई गई. वहीं इसे इत्तेफाक ही कहा जाएगा कि बीजेपी ने इस चुनाव में मौजूदा जनप्रतिनिधियों के बेटे-बेटियों को टिकट नहीं देने का फैसला किया था.
हाल ही में हुए निकाय चुनावों में सबसे बड़ा झटका आनंद जिले (Anand district) के पेटलाड से तीन बार के कांग्रेस विधायक निरंजन पटेल को लगा है जिन्हें पेटलाड नगरपालिका के वार्ड संख्या दो और पांच से हार मिली है. वहीं इसी नगरपालिका में उनके बेटे सौरभ पटेल को भी बीजेपी के हाथो करारी हार का सामना करना पड़ा.
आनंद के सोजित्रा से कांग्रेस विधायक पूनमभाई परमार के बेटे विजय परमार को भी भाजपा उम्मीदवार से तारापुर तालुका पंचायत के मोराज सीट से हार मिली है जबकि उनके भतीजे निकुंज परमार को भी हार का सामना करना पड़ा है. खेडब्रह्मा से कांग्रेस विधायक अश्विन कोतवाल के बेटे यश कोतवाल को भी साबरकांठा के आदिवासी बहुत विजयनगर तालुका पंचायत के चैतरिया से हार मिली है.
भिलोडा से कांग्रेस विधायक अनिल जोशियारा के बेटे केवल को भी अरावली जिले के भिलोड़ा तालुका पंचायत के उपसल सीट से हार का स्वाद चखना पड़ा है. गिर सोमनाथ के उना से छह बार के कांग्रेस विधायक पंजा वंश के बेटे परेश वंश को भी भाजपा के प्रतिद्वंद्वी से राजपाड़ा से हार मिली है. देवभूमि द्वारका के खम्भालिया से कांग्रेस विधायक विक्रम मदम को जिला पंचायत के वडतारा सीट से बेटे करण की हार देखनी पड़ी है.
निकाय चुनावों में नतीजों से हुई किरकिरी के बाद और कुछ बड़े नेताओं की बात करें तो गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया के भाई रामदेव मोढवाडिया को पोरबंदर तालुका पंचायत के किंदरखेड़ा सीट से हार का सामना करना पड़ा है. वहीं भारतीय ट्राइबल पार्टी से मौजूदा विधायक छोटे वसावा के बेटे दिलीप वसावा भी भरुच जिले की राजपरदी सीट पर चुनावी परीक्षा पास करने में नाकाम साबित हुए. कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अमित चावडा (Amit Chawada) और विपक्ष के नेता परेश धानाणी (Paresh Dhanani) ने मंगलवार को अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है.
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