कोलकाता: कोरोना काल (Corona Pandemic) में बहुत लोगों की नौकरी चली गई है, जिसका सीधा असर उनकी माली हालत पर पड़ रहा है. आलम ये है कि कई लोग घर, गाड़ी और दूसरी चीजों की ईएमआई नहीं चुका पा रहे हैं. जबकि हजारों लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है. ऐसी माहौल में पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में रहने वाले बिपुल साउ (Bipul Sau) के साथ कुछ ऐसा हुआ कि उन्हें शर्मसार होना पड़ गया.


बैंक कर्मियों ने की मारपीट


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दरअसल, बिपुल ने कुछ समय पहले एक प्राइेवट बैंक से लोन लेकर अपने लिए एक बाइक खरीदी थी. इस बाइक की ईएमआई वो लॉकडाउन होने के बावजूद भी समय पर चुका रहे थे. लेकिन महामारी के इस संकट में भी बिपुल के अकाउंट से लोन का पैसा दो बार काट लिया गया. इस बात से नाराज जब बिपुल बैंककर्मियों से बातचीत करने पहुंचा तो बैंक अधिकारी आग बबूला हो गए और उन्होंने बिपुल साउ पर हमला कर दिया. इस दौरान उसे काफी चोट आई.


पुलिस ने धक्के देकर थाने से निकाला


किसी तरह बैंक कर्मियों से बचता हुआ जब बिपुल शिकायत दर्ज कराने थाने पहुंचा तो पुलिसकर्मियों ने उसकी मदद से साफ इनकार कर दिया. यहां तक की उसकी शिकायत भी दर्ज नहीं की गई. ऐसे में जब बिपुल पुलिस के आगे हाथ जोड़कर मदद की गुहार लगाने लगा तो कुछ पुलिसकर्मियों ने उसे धक्के मार-मारकर थाने से बाहर निकाल दिया. अब बिपुल मीडिया और जनता की मदद से न्याय की गुहार लगा रहा है.


पेशे से AC मेकैनिक है बिपुल साउ


पेशे से एसी मेकैनिक (AC Mechanic) बिपुल का कहना है कि लॉकडाउन में उसका काम कई महीने से बंद है. लेकिन फिर भी वो दोस्तों से आर्थिक मदद लेकर बैंक का कर्जा चुका रहा है. बिपुल के अनुसार, बाइक का सिर्फ एक इंस्टॉलमेंट बाकी था. मई महीने का. लेकिन बैंक ने जून महीने का भी इंस्टॉलमेंट ले लिया, जो की गलत है. जब बिपुल को इस बारे में पता चला तो वो अपने पैसे रिफंड कराने के लिए बैंक पहुंच गया. लेकिन बैंक कर्मचारियों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसके साथ मारपीट कर बैंक से बाहर निकाल दिया. 


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