मुंबई. ED ने आईडीबीआई-केएफए बैंक कर्ज मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के संबंध में शराब कारोबारी विजय माल्या और अन्यों के खिलाफ बुधवार को पहली चार्जशीट दायर की है। एक स्पेशल एंटी मनी-लॉन्ड्रिंग कोर्ट में प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA)के तहत 57 पेजों की चार्जशीट दायर की गई। 


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ED ने पिछले साल क्रिमिनल केस दर्ज किया था
ED ने इस सौदे में पिछले साल पीएमएलए के तहत एक क्रिमिनल केस दर्ज किया था और उसने अभी तक 9,600 करोड़ रपये तक की प्रॉपर्टी जब्त की है। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने चार्जशीट में इस बारे में डिटेल से बताया है कि कैसे नियमों का कथित उल्लंघन करते हुए करीब 400 करोड़ रपये के फंड्स विदेश भेजे गए।
उसने इस सौदे में केएफए और आईडीबीआई के अन्य अधिकारियों और एग्जिक्यूटिव्स के रोल का भी जिक्र किया है और पीएमएलए कानून के तहत एजेंसी की तरफ से दर्ज किए गए उनके बयानों को संलग्न किया है।


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ED की जांच में हुए कई अहम खुलासे
ईडी ने अभी तक की गई जांच में यह बताया है कि किंगफिशर एयरलाइंस ने आईडीबीआई बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर कमजोर फाइनेंशियल हालत, नेगेटिव नेट वर्थ, नए कस्टमर्स के लिए कॉरपोरेट कर्ज पॉलिसी के गैर अनुपालन, गारंटी में रखी गई बिना गुणवत्ता वाली प्रतिभूतियों और क्रेडिट रेटिंग के नीचे रहने के बावजूद 860.92 करोड़ रुपए के फंड्स हासिल करने के लिए क्रमिनल साजिश रची और इसमें से 807.82 करोड़ रुपए की मुख्य राशि का अभी तक भुगतान नहीं किया गया। आईडीबीआई द्वारा केएफए को कुल 860.92 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया।


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423 करोड़ भारत से बाहर भेजे गए
ईडी ने कहा कि पैसे का पता लगाने से यह खुलासा हुआ कि आईडीबीआई के दिए गए कुल कर्ज में से 423 करोड़ रुपए भारत से बाहर भेजे गए। यह रकम को प्लेन के किराए के पट्टे और रखरखाव, सरविंसिंग और स्पेयर पाटर्स के भुगतान के रूप में दिखाया गया।


माल्या को डिफॉल्टर घोषित किया गया है
माल्या को कई बैंकों से लिए गए करीब 9,000 करोड़ रुपए का कर्ज ना चुकाने के लिए डिफॉल्टर घोषित कर रखा है और भारत ने उसे भगोड़ा भी घोषित कर रखा है। माल्या ने कल लंदन में अदालत में अपनी पेशी के दौरान दावा किया कि उनके पास अपने मामले की वकालत करने के लिए काफी सबूते हैं और उन्होंने अधिकारियों पर तंज कसते हुए कहा, आप बिलियन पाउंड्स का सपना देखते रह सकते हैं। वह मार्च 2016 से ब्रिटेन में हैं और उन्हें 18 अप्रैल को प्रत्यर्पण वारंट पर स्कॉटलैंड यार्ड ने अरेस्ट किया था। सीबीआई भी इस मामले की जांच कर रही है।