Former Army Chief Statement: पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हाल ही में हुई भारत-चीन झड़प पर कहा है कि चीनी कई वर्षों से एलएसी पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रहे हैं. पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाना (सेवानिवृत्त) ने कहा, वे इसे बहुत छोटे-छोटे चरणों में कर रहे हैं... लेकिन समय के साथ-साथ, उन्होंने बहुत कुछ हासिल किया है. यह वह रणनीति है जिसे उन्होंने अपनाया है और करना जारी रख रहे हैं.


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पूर्व सेना प्रमुख ने और क्या कहा? 


जनरल (रि) नरवणे ने आगे कहा कि, उनकी (चीन की पीएलए) दीर्घकालिक रणनीति एक ही रही है - आगे बढ़ते रहो. हम हमेशा पीपी15 तक पेट्रोलिंग करते रहे हैं, लेकिन वे हमें हमारे पारंपरिक पेट्रोलिंग पॉइंट पर जाने से रोकने की कोशिश कर रहे थे. यह अस्वीकार्य था. उन्होंने छोटी चौकी स्थापित की और हमने बहुत जोरदार आपत्ति जताई.


उन्होंने कहा, लेकिन वे अड़े थे कि वे वापस नहीं जाएंगे और इसलिए हमें और अधिक मुखर होना पड़ा और तभी वे भी अतिरिक्त ताकत के साथ आए और पीपी 15 के हमारे पक्ष में पूरी झड़प हुई लेकिन हम यह सुनिश्चित करने में सक्षम थे कि वे वापस जाएं.


अरुणाचल प्रदेश में 17,000 फुट ऊंची चोटी पर भारतीय सेना और चीनी पीएलए के बीच झड़प के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एनएसए, सेना प्रमुख और सीडीएस के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की. सूत्रों ने कहा है कि भारत का अरुणाचल में 17,000 फुट ऊंची चोटी पर मजबूती से कब्जा था. ग्राउंड जीरो पर भारतीय और चीनी दोनों सेनाओं के कमांडरों ने फ्लैग मीटिंग की. भारतीय सेना के अनुसार, भारत का शिखर पर दृढ़ नियंत्रण है, और अब दोनों पक्ष क्षेत्र से अलग हो गए हैं.


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