Exclusive: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के एक हफ्ते से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद भी सरकार के गठन को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. कहा जा रहा है कि पार्टियों में मीटिंगों को दौर जारी है. इस बीर एक एक्सक्लूसिव जानकारी यह आई है कि भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ा सरप्राइज देने के मूड में है? विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक 30 नवंबर को दोपहर में करीब 3 बजे प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बाबांकुले अपने तमाम जीते हुए विधायकों के साथ एक ज़ूम कॉल करते है. इसमें वो प्रमुखता से दो बातों का जिक्र करते हैं. 


क्या बोले प्रदेशाध्यक्ष बाबांकुले?


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सूत्रों के मुताबिक मीटिंग के दौरान चंद्रशेखर बाबांकुले ने पहली बात ये कही कि आने वाले 2 दिसंबर को मुंबई में विधायक दल की मीटिंग होने वाली है तो सभी विधायक मुंबई आ जायें. दूसरी बात ये की 5 दिसंबर को दोपहर में एक बजे शपथग्रहण समारोह आयोजित होगा तो सुबह तक सभी विधायक मुंबई आ जायें. हालांकि अचानक से एक घंटे के बाद प्रदेश अध्यक्ष बाबनकुले दुबारा से सभी विधायकों को कॉल करते हैं. इस बार वो दोनों बातों से पलट जाते हैं. बाबनकुले कहते हैं कि 2 दिसंबर को विधायक दल की मीटिंग अभी कन्फर्म नहीं है, जब मीटिंग कन्फर्म होगी तो सभी को सूचित कर दिया जायेगा. इसके अलावा शपथ गृहण समारोह 5 दिसंबर को एक बजे नहीं बल्कि पांच बजे आयोजित किया जायेगा. 


क्या लागू होगा राजस्थान-MP मॉडल


अब सवाल इसीलिए खड़ा हो रहा है क्योंकि जिस भाजपा के अकेले अपने पास 137 विधायक हैं, वो अभी तक विधायक दल की मीटिंग आयोजित क्यों नहीं कर रही है?? क्या इस बात की संभावना है कि भाजपा की विधायक दल की मीटिंग अब सीधे 5 दिसंबर को ही हो? क्या एक ही दिन में विधायक दल की मीटिंग आयोजित करके बीजेपी आलाकमान उसी दिन शपथ गृहण करवा कर कोई सरप्राइस देने के मूड में है? क्या भाजपा महाराष्ट्र में राजस्थान, MP मॉडल लागू करने जा रही है?


महाराष्ट्र 2024 के नतीजे


याद रहे कि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को वोटिंग और 23 नवंबर को नतीजे आए थे. नतीजे काफी हैरान कर देने वाले थे. महायुति ने विपक्षी गठबंधन को करारी शिकस्त देते हुए शानदार जीत हासिल की. महायुति गठबंधन में भाजपा को 132 सीटों पर, शिवसेना शिंदे गुट को 57 सीटों पर और एनसीपी अजित गुट को 41 सीटों पर जीत मिली. इसके अलावा महाविकास अघाड़ी यानी MVA गठबंधन सिर्फ 46 सीटों पर सिमट गया. इसमें एनसीपी (शरद पवार) को 10 सीटें, कांग्रेस को 16 सीट और शिवसेना (उद्धव गुट) को 20 सीट पर जीत मिली.