मंच पर चढ़कर किसान ने मंत्री को पहनाई प्याज की माला, माइक लेकर खुद करने लगा `संबोधन`
Maharashtra Minister Nitesh Rane: महाराष्ट्र के मंत्री नीतेश राणे एक प्रोग्राम को संबोधित कर रहे थे लेकिन इसी बीच एक किसान आता है उनके भाषण के दौरान प्याज की माला पहना देता है. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.
Nitesh Rane: महाराष्ट्र के मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे को सोमवार को उस समय एक अजीब से परिस्थिती का सामना करना पड़ा, जब उन्हें मंच पर एक किसान ने प्याज की माला पहना दी. यह घटना संत निवृत्तिनाथ महाराज के पादुका दर्शन के लिए आयोजित एक प्रोग्राम में हुई. जिस समय मंत्री राणे संबोधन कर रहे थे तभी एक किसान ने मंच पर आकर उनके गले में प्याज की बनी माला डाल दी. बताया जा रहा है कि किसान ने माइक में भी कुछ बोलने की कोशिश की थी. इस घटना के बाद पुलिस ने किसान को हिरासत में ले लिया.
बताया जा रहा है कि इलाके किसान प्याज की कीमतों में भारी गिरावट से नाराज हैं, जो पिछले 10 दिनों में 2,000 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गई है. उनका तर्क है कि प्याज पर 20 फीसद निर्यात शुल्क कीमतों को स्थिर करने में नाकाम साबित हुआ है, जिससे उनकी नाराजगी बढ़ गई है. इससे पहले गुरुवार (19 दिसंबर) को उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से प्याज की गिरती कीमतों से जूझ रहे किसानों को राहत देने के लिए प्याज पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क हटाने की अपील की थी.
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में अजित पवार ने प्याज उगाने वाले प्रमुख जिले नासिक में प्याज के किसानों की दुर्दशा का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि नई फसल आने से कृषि बाजारों में प्याज जमा होना शुरू हो गया है, जिससे किसानों को अपनी फसल को काफी कम दरों पर बेचना पड़ रहा है, जो औसतन 2400 रुपये प्रति क्विंटल है. पवार ने लिखा,'गर्मियों की फसल खत्म हो गई है और नई फसल महाराष्ट्र भर के बाजारों में पहुंच गई है. हालांकि किसान अब परेशान हैं क्योंकि वे अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) हासिल करने में असमर्थ हैं.'
एनसीपी नेता ने यह भी बताया कि बेमौसम बारिश और जलवायु परिवर्तन ने पहले ही प्याज उगाने वाले किसानों को काफी नुकसान पहुंचाया है. पवार ने नागपुर में मौजूद राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में भी किसानों की आर्थिक हालत का जिक्र किया. उन्होंने किसानों के सामने आने वाली आर्थिक चुनौतियों का हल निकालने के लिए फौरन कार्रवाई करने की जरूरत पर जोर दिया.