‘Dilli Chalo’ march: लंबे समय से शंभू बॉर्डर पर बोरिया-बिस्तर डालकर हाईवे को घर मान चुके किसान नेताओं के लिए हरियाणा पुलिस के चक्रव्यूह को भेद पाना टेढी खीर बन गया है. किसानों के जत्थे के दिल्ली कूच की तमाम नाकाम कोशिशों के बाद अब किसान संगठनों ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अब प्रेशर पॉलिटिक्स से झुकाने के लिए नई रणनीति अपनाने का ऐलान कर दिया है. इसके तहत सोमवार को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा. उसके नफा-नुकसान को समझने के बाद फिर 18 दिसंबर को 'रेल रोको' आंदोलन करने की आह्वान किया गया है. इसी दिसंबर में किसानों ने तीन बार दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें वहीं शंभू सीमा यानी बॉर्डर पर रोक दिया.


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सरवन सिंह पंढेर ने मांगी टिकैत से मदद


नए सिनेरियों से आंदोलन आगे बढ़ाने का खाका सरवन सिंह पंढेर ने पेश किया. उन्होंने देश के कई किसान नेताओं को दिल्ली बुलाया है. इस मुहिम में पंढेर ने राकेश टिकैत के संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का सहयोग मांगा है. पंढेर ने अपने बयान में कहा, 'हम पंजाब के सभी 13,000 गांवों के लोगों से अपील करते हैं कि वो सभी दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक अपने नजदीकी रेलवे क्रॉसिंग और रेलवे स्टेशनों को बंद कर दें.


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आपको बताते चलें कि राकेश टिकैत के नाम भले ही कोई बड़ी कामयाबी न हो लेकिन उन्होंने केंद्र सरकार को लंबे समय तक छकाकर रखा था. गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने निरस्त हो चुके तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल तक आंदोलन चलाया था.


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