Farmer Protest Update: पंजाब और हरियाणा के किसान खनौरी बॉर्डर पर लंबे समय से डटे हुए हैं. उनकी मांगें पूरी न होने पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पिछले 36 दिनों से आमरण अनशन पर हैं. अब किसानों ने केंद्र सरकार से अपील की है कि बातचीत का रास्ता अपनाया जाए.. ताकि विश्वास की कमी दूर हो और समाधान निकले. अनशन पर बैठे डल्लेवाल और खनौरी बॉर्डर पर डटे किसानों को उम्मीद है कि बातचीत के जरिये उनकी मांगें पूरी की जाएंगी.


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36 दिन से अनशन पर डल्लेवाल


किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर अनशन कर रहे हैं. उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही है. पंजाब सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया है कि डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता स्वीकार करने पर सहमति जताई है, बशर्ते केंद्र सरकार बातचीत का प्रस्ताव माने.


खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों का डेरा


सुरक्षाकर्मियों द्वारा दिल्ली कूच मार्च को रोके जाने के बाद किसान फरवरी से खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं. किसानों का कहना है कि बातचीत के बिना समस्याओं का समाधान संभव नहीं है.


संवैधानिक संस्थाओं से उम्मीद


किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि देश की संवैधानिक संस्थाएं केंद्र सरकार को किसानों की मांगें मानने के लिए निर्देश देंगी." उन्होंने यह भी कहा कि बातचीत से किसान समुदाय और सरकार के बीच अविश्वास की खाई पाटी जा सकती है.


बातचीत से ही हल संभव


किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि जब वह विदेशों में बड़े मुद्दे बातचीत से सुलझाने की बात करते हैं, तो अपने देश के किसानों के साथ भी यह तरीका अपनाना चाहिए. कोहाड़ ने कहा, "बातचीत से अविश्वास खत्म होगा और चीजें आगे बढ़ सकेंगी."


उच्चतम न्यायालय का हस्तक्षेप


न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाश पीठ ने पंजाब सरकार की याचिका पर विचार किया. इसमें शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करने के लिए अतिरिक्त तीन दिन की मोहलत मांगी गई थी. आदेश में डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने की जिम्मेदारी पंजाब सरकार के अधिकारियों और चिकित्सकों को दी गई थी.


(एजेंसी इनपुट के साथ)