Farmers Protest पर निकलेगा हल? कृषि कानूनों पर रोक के बाद सरकार-किसानों की पहली बातचीत जारी
Farmers Protest Live Update: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के अमल पर रोक लगाए जाने के बाद किसान संगठनों पर सरकार के बीच पहली बार बातचीत हो रही है.
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 51वें दिन भी जारी है. इस बीच आज (शुक्रवार) सरकार और किसान संगठनों के बीच 9वें दौर की बातचीत हो रही है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा कानूनों के अमल पर रोक लगाए जाने के बाद यह बातचीत हो रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि बैठक के बाद समाधान निकलेगा.
अपनी मांगों पर अड़े हैं किसान संगठन
बता दें कि केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक 8 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन किसान नेता लगातार तीनों कृषि कानूनों (Agriculture Laws) को काला कानून करार देते हुए इन्हें रद्द कराने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार प्रावधानों में बदलाव करते हुए इन्हें बरकरार रखने की जिद्द पर अड़ी है. किसानों का साफ कहना है कि वे कानून रद्द होने तक प्रदर्शन जारी रखेंगे. इससे पहले 30 दिसंबर को हुई छठे दौर की बाचतीत में बिजली दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर दंड को लेकर किसानों की चिंताओं को हल करने के लिए सहमति बनी थी.
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26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालेंगे किसान
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड निकालने की चेतावनी दी है. इससे पहले किसानों ने 7 जनवरी को दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर रैली निकाली थी. हालांकि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से अपील की है कि कोर्ट गणतंत्र दिवस को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाए, क्योंकि ऐसी रैली से विश्व में देश के सम्मान को ठेस पहुंचेगी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है और सोमवार को इस मामले की सुनवाई होगी. 9वें दौर की बातचीत से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट कहे तो किसान अपनी रिपब्लिक डे वाली ट्रैक्टर परेड को वापस ले लेंगे.
कानूनों के अमल पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supre Court) ने 12 जनवरी को याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी थी. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मसले को सुलझाने के लिए एक कमेटी का गठन किया था, जिसमें कुल चार लोगों को शामिल किया गया है. कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, कृषि विशेषज्ञ अशोक गुलाटी और शेतकारी संगठन के अध्यक्ष अनिल धनवत शामिल हैं.
भूपिंदर सिंह मान कमेटी से हुए अलग
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति से भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने खुद को अलग कर लिया है. उन्होंने कहा कि समिति में सदस्य नियुक्त करने के लिए शीर्ष अदालत के आभारी हैं, लेकिन किसानों के हितों से समझौता नहीं करने के लिए किसी भी पद का त्याग कर देंगे. एक बयान में भूपिंदर सिंह मान ने कहा कि खुद किसान होने और यूनियन का नेता होने के नाते किसान संगठनों और आम लोगों की भावनाओं और आशंकाओं के कारण मैं किसी भी पद को छोड़ने के लिए तैयार हूं ताकि पंजाब और देश के किसानों के हितों से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं हो.
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