नई दिल्ली: कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) 26वें दिन भी जारी है और आज से प्रदर्शनकारी किसान भूख हड़ताल कर रहे हैं. इस बीच सरकार ने किसान संगठनों को पत्र लिखकर बातचीत का न्योता दिया है और कहा है कि वो बातचीत के लिए तारीख तय करें.


हर प्रदर्शन स्थल पर 11-11 किसान अनशन पर


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कृषि कानूनों (Agriculture Laws) के विरोध में किसानों ने आज (सोमवार) से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू शुरू कर दी है. सभी प्रदर्शन स्थलों पर 11 लोगों का समूह बारी-बारी से 24 घंटे के भूख हड़ताल (Hunger Strike) पर बैठेगा. इसके साथ ही सभी किसान संगठनों ने लोगों से 23 दिसंबर को किसान दिवस के मौके पर एक समय का भोजन ना ग्रहण करने की अपील की है.


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मन की बात कार्यक्रम के दौरान बजाएंगे बर्तन


प्रदर्शन कर रहे किसानों ने ऐलान किया है कि 27 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के मन की बात कार्यक्रम के वक्त बर्तन बजाएंगे. भारतीय किसान यूनियन के नेता जगजीत सिंह दलेवाला ने कहा कि हम सभी से अनुरोध करते हैं कि जब तक पीएम मोदी का देश के नाम संबोधन चलेगा सभी लोग थाली बजाएं.


कानूनों के समर्थन में किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली


नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के आंदोलन के बीच कई संगठन ऐसे भी हैं, जो लगातार इन कानूनों का समर्थन कर रहे हैं. रविवार को मेरठ के हिंद मजदूर किसान समिति से जुड़े किसानों ने रविवार को मेरठ से गाजियाबाद तक ट्रैक्टर रैली भी निकाली. इसके बाद इन किसानों ने दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) से मुलाकात की और तीनों कृषि कानूनों के समर्थन में ज्ञापन दिया. ज्ञापन सौंपते हुए समिति के किसानों ने कहा कि ये कानून किसान को और मजबूत करेगा. कृषि कानूनों के समर्थन के साथ ही इन किसानों ने कृषि मंत्री से किसानों के लिए ट्यूबवेल मुफ्त कराने की बात भी कही.


विदेशी चंदे पर किसान संगठनों ने जताई नाराजगी


किसान आंदोलन को विदेशी चंदे मिलने की बात को लेकर आंदोलन में शामिल संगठनों ने अपनी नाराजगी जताई है. पंजाब के सबसे बड़े किसान संगठनों में से एक भारतीय किसान यूनियन उग्राहन ने केंद्र सरकार द्वारा संगठन के पंजीकरण की जानकारी मांगे जाने पर नाराजगी जताई है. अध्यक्ष जोगिंदर उगरान और इसके महासचिव सुखदेव सिंह ने कहा है कि केंद्र सभी रणनीति का उपयोग कर रहा है, क्योंकि उनका एकमात्र उद्देश्य चल रहे आंदोलन को हराना है.


विदेशों से चंदा पाने के लिए पंजीकरण अनिवार्य


दरअसल विदेशों से मिलने वाले चंदे को पाने वाले किसी भी संगठन का पंजीकरण होना अनिवार्य है. किसान एकता उग्राहन के अध्यक्ष ने बताया कि उन्हें पंजाब में उनके बैंक से एक ईमेल भेजा गया है, जिसमें कहा गया कि उन्हें विदेशों से प्राप्त दान के लिए अपने संगठन के पंजीकरण की जानकारी देनी होगी. उनका आरोप था कि केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन को असफल करने के लिए बाधाएं पैदा कर रही है ।


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