किसानों पर Rahul Gandhi की सियासत, सिंंघु बॉर्डर न जाकर तमिलनाडु से दे रहे `उपदेश`
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) गुरुवार को तमिलनाडु के पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू (Jallikattu) को देखने गए. राहुल गांधी यहां भी किसानों के मुद्दे पर सियासत करने से नहीं चूके.
मदुरै: कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) किसानों के बीच सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) तो नहीं गए, लेकिन गुरुवार को तमिलनाडु (Tamilnadu) के पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू (Jallikattu) को देखने गए और किसानों के मुद्दे पर सियासत करने से भी नहीं चूके.
किसानों पर सियासत करने से नहीं चूके राहुल गांधी
कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसान पिछले 50 दिनों से दिल्ली की सीमा पर प्रदर्शन कर रहे हैं. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) किसानों के बीच भले ही न गए हों, लेकिन मोदी सरकार पर उन्होंने फिर से निशाना साधा. केरल के वायनाड से सांसद राहुल ने तमिलनाडु जाकर किसानों को नैतिक समर्थन देने की बात कही. राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को दबाने का काम कर रही है. इतना ही नहीं, उन्होंने आगे कहा कि अपने कुछ दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए मोदी सरकार ऐसा कर रही है.
तमिलनाडु में राहुल गांधी ने कहा कि वह किसानों के साथ हैं और उनकी हर मांग का समर्थन करते हैं. जिन कानूनों को मोदी सरकार जबरदस्ती लाई है, उन्हें वापस ले जाना ही होगा.
मदुरै जाकर राहुल गांधी ने किसानों के समर्थन में बहुत सारी बातें कहीं. लेकिन जब वह दिल्ली मे थे तो कभी किसानों के बीच सिंघु बॉर्डर नहीं गए. यहां बता दें कि सिंघु बॉर्डर उनके दिल्ली स्थित आवास से सिर्फ 40 किलोमीटर दूर है.
कृषि कानूनों के खिलाफ नारेबाजी
इस बीच मदुरै में जारी जल्लीकट्टू के आयोजन के दौरान कुछ लोगों ने वहां पर कृषि कानूनाें के खिलाफ नारेबाजी भी की. हालांकि, नारेबाजी करने वालों को बाद में हिरासत में ले लिया गया.
पोंगल के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में राहुल गांधी के साथ द्रमुक की युवा इकाई के सचिव उदयनिधि स्टालिन, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष केएस अलागिरी और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी भी मौजूद थे.
बता दें कि ‘जल्लीकट्टू’ तमिलनाडु के ग्रामीण इलाकाें का एक परंपरागत खेल है जो पोंगल त्याेहार पर आयोजित किया जाता है. इसमें लोग बैलों को पकड़ने एवं उन्हें काबू करने की कोशिश करते हैं.
तमिलनाडु में इस साल होने हैं विधानसभा चुनाव
इस साल अप्रैल-मई में होने वाले तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में द्रमुक और कांग्रेस के बीच गठबंधन की संभावना है.
अलागिरी ने मंगलवार को कहा था कि राहुल गांधी तमिलनाडु दौरे पर ‘जल्लीकट्टू’ कार्यक्रम के साक्षी बनकर केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को नैतिक समर्थन देंगे.
उन्होंने यह भी कहा था कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष इस दौरे पर चुनाव प्रचार के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे.
इससे पहले भी राहुल गांधी किसानों के साथ होने की बात करते रहे हैं लेकिन उन्होंने कभी सिंघु बॉर्डर जाकर किसानों का हाल नहीं पूछा. हाल में वह निजी दौरे पर विदेश गए थे और कुछ दिन पहले ही लौटे हैं. विदेश से लौटने के बाद वह यहां पहली बार किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में शामिल हुए.
तमिलनाडु में इसी साल अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं और जल्लीकट्टू से यहां के लोगों की आस्था जुड़ी है. राहुल गांधी के तमिलनाडु जाने की वजह भी यही है. जल्लीकट्टू को बंद करने का वादा भी कांग्रेस (Congress) ने अपने घोषणापत्र में ही किया था और आज उसी कार्यक्रम में शामिल होकर राहुल गांधी किसानों को नैतिक समर्थन दे रहे हैं.
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'राहुल गांधी का कार्यक्रम में जाना स्वाभाविक'
राहुल गांधी के जल्लीकट्टू के कार्यक्रम में जाने पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि द्रमुक से हमारा पुराना नाता रहा है. जब भी किसी पार्टी के साथ कांग्रेस ने एलायन्स किया है, वही पार्टी जीतती है. आज भी हर गांव, शहर, कस्बे में कांग्रेस के समर्थक हैं और जब भी चुनाव होता है तो बड़े नेता का वहां जाना स्वाभाविक बात है. फरवरी-मार्च में अध्यक्ष का चुनाव होगा. राहुल जी बड़े नेता है और हम चाहेंगे कि जब भी राज्यों में चुनाव हो तो बड़े नेता आएं और बढ़-चढ़ कर कैंपेन करें.
'तमिलनाडु में खत्म हो चुकी है कांग्रेस'
बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस बहुत सारे हसीन ख्वाब देखती है लेकिन उसके ख्वाब अधूरे रहेंगे. कांग्रेस राष्ट्रीय हित के कार्य में विवाद पैदा करती है. कांग्रेस नार्थ इंडिया में समाप्त हो चुकी है और तमिलनाडु में जाकर राहुल गांधी जो भी दावा कर लें, लेकिन वो कामयाब होने वाले नहीं हैं.