श्रीनगर: जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की वापसी को लेकर गुपकर गैंग के बयानों का विवाद जारी है. अब PDP अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने देश को प्रेशर कुकर वाला डर दिखाया है.


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बदल रहे हैं महबूबा मुफ्ती के बोल 
महबूबा मुफ्ती ने पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में कहा कि,' ये मुल्क बाबा साहब आंबेडकर के संविधान पर चलेगा ,बीजेपी के अजेंडे पर नहीं. इनके हाथ में तिरंगा है लेकिन उसके पीछे एजेंडा बर्बादी का है. जो संविधान ने हमें दिया है, हम उसे वापस लेना चाहते हैं.' उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की हालत उस प्रेशर कुकर जैसी है, जो अंदर ही अंदर धधक रहा है. जब वह प्रेशर कुकर फटेगा तो पूरा घर जलेगा. 


पिछले साल तिरंगा पर दी थी धमकी
बता दें कि अब संविधान और देश की बात करने वाली महबूबा मुफ्ती ने पिछले साल अनुच्छेद 370 खत्म होने से पहले महबूबा ने देश को धमकी दी थी कि यदि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म हुआ तो जम्मू कश्मीर में कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं होगा. करीब एक साल लंबी नजरबंदी से रिहा होने के बाद भी महबूबा ने अपनी पहली प्रेस वार्ता में तिरंगे के बजाय जम्मू कश्मीर का पुराना झंडा लगाया था और धमकी दी थी कि जब तक राज्य का पुराना दर्जा बहाल नहीं हो जाता, तब तक वे तिरंगे को हाथ नहीं लगाएंगे.


अब्दुल्ला परिवार के सुरों में भी बदलाव
लेकिन ऐसा लगता है कि बदली परिस्थितियों और जनता के बदलते मूड को देखते हुए वे थक गई हैं. उनका यह बदलाव अब उनके बयानों में साफ झलकने लगा है. वे पहली बार बाबा साहब अंबेडकर, संविधान और तिरंगे की बात करने लगी हैं. ऐसा ही बदलाव इन दिनों National Conference नेता फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला के बयानों में भी दिखाई दे रहा है. वे अब धमकी के बजाय भाई चारे की बात कर रहे हैं.


आपस में भाईचारा बनाए रखें लोग: फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हमारा रिश्ता महात्मा गांधी वाले हिंदुस्तान के साथ है, बीजेपी के अजेंडे के साथ नहीं. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी कहती थी कि वह कश्मीरी पंडितों को घाटी में वापस बसाएगी लेकिन 5 साल बाद भी कोई नहीं आ पाया है. उन्होंने लोगों से अपील की कि बीजेपी राज्य में भाईचारा मिटाना चाहती है. हमें इसे बनाए रखना होगा. उनके बेटे व पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने राज्य में कानूनों के बदलाव पर कहा कि यकीन नहीं है कि अपने बच्चों को देने के लिए कुछ होगा कि नहीं. इस लड़ाई में वे पीछे हटने वाले नहीं है.


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किस बात से डर रहे हैं महबूबा-अब्दुल्ला
सवाल ये है कि जिस आर्टिकल 370 को देश की संसद ने खत्म किया है. उस संसद में देश की भावना छिपी है. फिर महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला को किस बात का डर है. चिंता जम्मू कश्मीर की है या फिर अपनी राजनीतिक जमीन की.


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