नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों (पीएसयू) के मुख्य कार्यपालकों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि वो 50 करोड़ रुपये से अधिक के सभी एनपीए खातों की जांच करें कि उनमें किसी तरह की धोखाधड़ी तो नहीं है. मंत्रालय ने कहा कि इसमें कोई लापरवाही होने पर उन्हें आपराधिक षडयंत्र के आरोपों का सामना करना पड़ सकता है.


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आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय ने पीएसयू बैंक के सीईओ से कहा है कि वो धोखाधड़ी की जांच करें या फिर पैनल एक्शन के लिए तैयार रहें. बैंकों को चेतावनी देते हुए वित्त मंत्रालय ने मुख्य कार्यपालकों से कहा कि अब उन्हें अपनी जिम्मेदारी तय करनी होगी. वित्त मंत्रालय का ये आदेश भूषण स्टील के भूतपूर्व प्रमोटर नीरज सिंघल की गिरफ्तारी के बाद आया. उन पर आरोप है कि वो बैंकों से लिए धन को कहीं और ठिकाने लगा रहे थे. 


सूत्रों का कहना है कि बैंकरों को भारतीय पैनल कोड की धारा 120बी के तहत जवाबदेह बनाया जाएगा. इसके तहत यदि जांच एजेंसियों ने पाया कि इन एनपीए खातों के फंड को कहीं और ठिकाने लगाया गया है तो बैंक पर भी आपराधिक मुकदमा चल सकता है. भारत में इस समय बैंकों की हालत बुरी है और वो एनपीए संकट से जूझ रहे हैं. सरकारी बैंकों का एनपीए आठ लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है.