Financial Crisis: भारत के एक ऐसे राज्य की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है जिसे हिमालयी राज्य कहा जाता है. असल में ऐसा लग रहा है कि हिमाचल प्रदेश में तंगहाली गंभीर है. ऐसे में राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 'गंभीर वित्तीय स्थिति' का हवाला देते हुए गुरुवार को घोषणा की कि वह, उनके मंत्री, मुख्य संसदीय सचिव और बोर्ड, निगमों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष दो महीने के लिए अपने वेतन और भत्ते नहीं लेंगे. मुख्यमंत्री ने विधानसभा में इसकी घोषणा की और सदन के अन्य सदस्यों से भी इसका अनुसरण करने का आग्रह किया.


परिणाम दिखने में कुछ समय लगेगा?


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असल में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार अपना राजस्व बढ़ाने और अनुत्पादक व्यय कम करने के लिए प्रयास कर रही है, लेकिन परिणाम दिखने में कुछ समय लगेगा. राज्य की खराब वित्तीय स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सुक्खू ने कहा कि वर्ष 2023-24 के लिए राजस्व घाटा अनुदान 8058 करोड़ रुपये था, जिसे चालू वित्त वर्ष के दौरान 1800 करोड़ रुपये घटाकर 6258 करोड़ रुपये कर दिया गया है. 


उधर विपक्ष का आरोप


सुक्खू ने यह कहा कि 2025-26 में राजस्व घाटा अनुदान 3,000 करोड़ रुपये कम होकर मात्र 3,257 करोड़ रुपये रह जाएगा, जिससे हमारे लिए अपनी जरूरतों को पूरा करना और भी कठिन हो जाएगा. उधर सुक्खू ने यह ऐलान किया इधर राज्य में विपक्षी बीजेपी ने कई आरोप लगाए. हिमाचल प्रदेश में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने गुरुवार को सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर 'शराब घोटाले' में शामिल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बड़े ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर शराब के ठेकों की संख्‍या बढ़ा रही है.


पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि बड़ी इकाइयां स्थापित करने के लिए व ठेकों को हास‍िल करने के ल‍िए अधिक धन की आवश्यकता होती है. छोटे व्यापारी निविदा प्रक्रिया से दूर रहते हैं और सरकारी अधिकारी व्यापारिक घरानों के साथ मिलीभगत कर रहे हैं. कई स्थानों पर निविदाएं आरक्षित मूल्य से भी नीचे खोली गईं. ऐसा इसलिए संभव हुआ, क्योंकि सरकार की बड़े ठेकेदारों के साथ मिलीभगत है. अन्यथा, इन निविदाओं को रद्द कर दिया जाना चाहिए था.


उन्होंने कहा कि शराब के लिए दोबारा टेंडर निकालना पड़ा. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सभी ने टेंडर में आरक्षित मूल्य से कम दरें बताईं. उन्होंने कहा कि दबाव के कारण ऊना, नूरपुर और कांगड़ा में शराब की नीलामी रोक दी गई. "वहां शराब के कारोबार में कौन शामिल है? उन्हें कौन बचा रहा है? यह पूरा राज्य जानता है. ठाकुर ने कहा कि सरकार ने शराब नीति के नाम पर राज्य के राजस्व के साथ धोखा क‍िया है. agency input