आत्मनिर्भर भारत का रोडमैप तैयार,मोदी सरकार ने लिए किसानों और MSME के लिए बड़े फैसले
कैबिनेट की बैठक में किसानों और MSME के लिए बड़े फैसले लिए गए हैं
नई दिल्ली: मोदी सरकार 2.0 (Modi Govt 2.0) के दूसरे साल में पहली कैबिनेट बैठक सोमवार को हुई. कैबिनेट के फैसलों की जानकारी सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने मीडिया से शेयर की. उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक में किसानों और MSME के लिए बड़े फैसले लिए गए हैं. आत्मनिर्भर भारत के लिए रोडमैप तैयार किया गया है.
जावड़ेकर ने बताया, "रेहड़-पटरी वालों के लिए विशेष ऋण की व्यवस्था की गई है. शहरी, ग्रामीण रेहड़ी पटरी वालों के लिए 10 हजार रुपये तक का लोन दिया जाएगा. 50 लाख से ज्यादा रेहड़ी-पटरी वालों को लाभ मिलेगा. MSME की परिभाषा में बदलाव किया गया है. MSME सेक्टर के लिए 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है."
सरकार 10 हजार करोड़ के शुरुआती योगदान से 50,000 करोड़ रुपए का फंड ऑफ फंड बनाएगी. तेजी से बढ़ती msme, बेहतर परफॉर्मेंस करने वाली msme को इस फंड के जरिये आर्थिक मदद दी जाएगी. बेहतर परफॉर्मेंस वाली msme को आर्थिक मदद मिलने के साथ ही शेयर मार्केट में लिस्टिंग हो सके और msme बड़े उद्योग के रूप में विकसित हो सके.
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जावड़ेकर ने आगे बताया, "पीएम किसान योजना से करोड़ों किसानों को मदद दी गई है. सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य से डेढ़ गुना देगी. किसानों को कर्ज के ब्याज में छूट मिलेगी. मंत्रिमंडल ने 14 खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दी, किसानों को मिलेगा लगात से कम से कम 50 से 83 प्रतिशत तक ऊंचा मूल्य मिलेगा."
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बताया कि इस साल चुनौती के बावजूद बंपर फसल हुई है. गेंहू की 360 लाख मीट्रिक टन की खरीद हो चुकी है. धान की खरीद 3 लाख 95 हजार टन हो चुकी है. दलहन और तिलहन की खरीद जारी है. अभी तक 16 लाख मीट्रिक टन से ऊपर है.
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "जीडीपी में msme का 29% योगदान है. 11 करोड़ से ज़्यादा जॉब्स msme में हैं. आज msme के लिए बड़े निर्णय हुए हैं. अब जो इन्वेस्टमेंट लिमिट 20 करोड़ तक थी, उसको बढ़ाकर 50 करोड़ किया गया. एक्सपोर्ट का टर्नओवर भी हटा दिया गया है."
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