जब पाक के जासूसों से भारतीय अधिकारियों ने कहा - समोसा जल्दी खा लो, तुम्हारा खेल खत्म
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जब पाक के जासूसों से भारतीय अधिकारियों ने कहा - समोसा जल्दी खा लो, तुम्हारा खेल खत्म

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रविवार को करोल बाग इलाके से पाकिस्तान हाई कमिशन के दो वीसा अधिकारियों और उनके ड्राइवर को जासूसी के आरोप में रंगे हाथों पकड़ा. 

दोनों जासूसो को वापस पाकिस्तान भेज दिया गया है...

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल ने रविवार को करोल बाग इलाके से पाकिस्तान (Pakistan) हाई कमीशन के दो वीसा अधिकारियों और उनके ड्राइवर को जासूसी के आरोप में रंगे हाथों पकड़ा. दोनों पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी ISI के अधिकारी थे और भारत में वीसा अधिकारी बनकर आए थे. दोनों को वापस पाकिस्तान भेजने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है. 

भारतीय अधिकारियों ने इन तीनों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया. आरोपी आबिद हुसैन को करोल बाग इलाके में जब पकड़ा, तब वह रेस्टोरेंट में समोसा खा रहा था. अधिकारियों ने उससे कहा, "अपना समोसा जल्दी से फिनिश कर लो, तुम्हारा खेल खत्म हो गया है." 

सूत्रों के मुताबिक आबिद, ताहिर दोनों पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की साजिश को भारत में अंजाम देते थे लेकिन इन्हें इस बात का जरा भी अहसास नहीं था कि इनके हर गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है. जैसे ही ये दोनों दिल्ली के करोलबाग इलाके पहुंचे, स्पेशल सेल और मिलिट्री इंटेलीजेंस यूनिट अलर्ट हो गई. कुछ ही मिनट में आबिद और ताहिर सेना के दस्तावेज पाने के कामयाब हो गए. 5 पेज के  कागजात में आर्मी के मुवमेंट और डिप्लॉयमेंट से जुड़ी अहम जानकारियां थी. तभी स्पेशल सेल और  MIU की टीम ने आबिद ताहिर और उनके ड्राइवर को पकड़ा. 

सूत्रों के मुताबिक आबिद और ताहिर पुलिस को चकमा देने में भी माहिर है. उसने पुलिस को बरगलाने की तैयारी भी कर रखी थी. तभी तो करोलबाग में पकड़े जाने के बाद आबिद ने खुद को गीता कॉलोनी का निवासी बताया सबूत के तौर पर आधार कार्ड दिखाए जिसमें नाम नासिर गौतम लिखा था लेकिन जांच में आबिद का आधार फर्जी था और पूछताछ वो खुद पाकिस्तानी जासूस निकला.  

आबिद हुसैन वीजा सेक्शन में काम करता था और दिसंबर 2018 में भारत आया था. आईएसआई का एजेंट था. दूसरा आरोपी ताहिर खान, आबिद हुसैन का असिस्टेंट था. अक्टूबर 2015 से भारत में था. दोनों ने भारतीय सेना के रॉय नाम के जवान से गोपनीय दस्तावेज लिए थे तभी रंगे हाथों पकड़े गए. दोनों लगातार सेना, रेलवे और दूसरे सरकारी विभागों से गोपनीय जानकारियों को जुटा रहे थे. दोनों पर काफी लंबे वक्त से नजर रखी जा रही थी.  

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान उच्चायोग को यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि कूटनीतिक मिशन का कोई भी सदस्य भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं हो. इससे पहले, 2016 में एक पाकिस्तानी अधिकारी को जासूसी के आरोप में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था. भारत ने उसे तत्काल पाकिस्तान वापस भेज दिया था. 

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