Agra: `घटिया आजम खान` का बदला नाम, इस नए नाम से जानी जाएगी ये रोड
यूपी (UP) के आगरा (Agra) में एक और नाम बदल दिया गया है. हालांकि बहुत से लोग लंबे समय से इस बदलाव की मांग कर रहे थे. आगरा की इस `घटिया आजम खान` रोड (Ghatiya Azam Khan Road) को अब श्री अशोक सिंघल मार्ग (`Shri Ashok Singhal Marg`) के नाम से जाना जाएगा.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और यहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को नाम बदलने वाले CM के तौर पर भी जाना जाता है. खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपनी एक रैली में इसका जिक्र किया था. इसी सिलसिले में अब आगरा (Agra) की एक रोड का नाम बदलने की खबर सुर्खियों में है.
'घटिया आजम खान' का बदला गया नाम
PM नरेंद्र मोदी के दिए फॉर्मुले यानी 'UP+YOGI बहुत है UPYOGI' आने के दो दिन बाद यूपी के आगरा में एक और नाम बदल दिया गया है. हालांकि बहुत से लोग लंबे समय से इस बदलाव की मांग कर रहे थे. आगरा की इस 'घटिया आजम खान' (Ghatiya Azam Khan Road) रोड को विश्व हिंदू परिषद (VHP) के दिवंगत नेता अशोक सिंघल के शहर से जुड़ाव होने की वजह से अब 'श्री अशोक सिंघल मार्ग' (Shri Ashok Singhal Marg) के नाम से जाना जाएगा.
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मेयर ने बताई वजह
सोमवार को महापौर नवीन जैन की अध्यक्षता में आगरा नगर निगम कार्यकारिणी की हुई बैठक में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास किया गया. नवीन जैन ने कहा कि ऐसे नाम दासता के प्रतीक थे. नाम में हुआ बदलाव उस प्रकिया का हिस्सा है जिसके तहत गुलामी के दौर से जुड़ी चीजों को नई पहचान दी जा रही है.
कैसे पड़ा 'घटिया आजम खां' नाम?
आगरा में एक मोहल्ले का नाम 'घटिया आजम खां' है. शहर के हरिपर्वत इलाके से सेंट जॉन्स कॉलेज की ओर जाते हुए जीवनी मंडी की ओर बढ़ने पर रास्ते में 'घटिया आजम खां' चौराहा पड़ता है. इतिहासकार बताते हैं कि इस इलाके में पहले एक खूबसूरत घाटी थी. जहां बादशाह अकबर का वजीर मिर्जा अजीज कोका रहता था. अकबर ने उसे खान-ए-आजम का तमगा दिया था. घाटी होने की वजह से इस क्षेत्र का नाम घटिया पड़ा और बाद में घटिया आजम खां.
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नए नाम के पीछे की वजह
आपको बताते चलें कि VHP के दिग्गज नेता रहे अशोक सिंघल का जन्म आगरा के सिटी स्टेशन रोड क्षेत्र में हुआ था. उन्होंने 1950 में बीएचयू से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया. वह हिंदुस्तानी संगीत के प्रशिक्षित गायक थे. जिन्होंने पंडित ओंकारनाथ ठाकुर से संगीत की शिक्षा ली थी. वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे इस दिवंगत नेता ने अपना पूरा जीवन देश और समाज की सेवा में समर्पित कर दिया था.
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