खुशखबरी: भारत में बन गई कोरोना की दवा? जानवरों पर वैक्सीन का परीक्षण सफल
भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) की टेस्टिंग कुछ बंदरों पर की गई जिसके अच्छे रिजल्ट से आशा की एक किरण जगी है. कंपनी ने 20 बंदरों को 4 अलग-अलग समूहों में बांटा. हर समूह में 5 बंदर थे जिन्हें कोरोना का टीका लगाया गया.
नई दिल्लीः भारतीय कंपनी भारत बायोटेक ने (Bharat Boitech) कोरोना वैक्सीन (COVID-19 vaccine) की टेस्टिंग करने में जुटी है. कंपनी ने हाल ही में कुछ वैक्सीन का कुछ जानवरों पर परीक्षण किया है जिसके नतीजे सकारात्मक आए हैं. जी हां, भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सिन (Covaxin) की टेस्टिंग कुछ बंदरों पर की गई जिसके अच्छे रिजल्ट से आशा की एक किरण जगी है. कंपनी ने 20 बंदरों को 4 अलग-अलग समूहों में बांटा. हर समूह में 5 बंदर थे जिन्हें कोरोना का टीका लगाया गया.
बंदरों के 3 समूहों को 0-14 दिन तक 3 अलग-अलग वैक्सीन दी गई. विशेषज्ञों द्वारा दी गई वैक्सीन के 7 दिन बाद बंदरों के नाक, गले, फेफड़ों और फेफड़ों के पास की जगह में वायरस दूर होता गया. बंदरों के एक ग्रुप को प्लेसीबो दिया गया जबकि बाकी तीन समूहों को तीन अलग-अलग तरह की वैक्सीन पहले और 14 दिन के बाद दी गई. दूसरी डोज देने के बाद, सभी बंदरों को SARS-CoV-2 से एक्सपोज कराया गया.
कंपनी के मुताबिक, जिन 3 समूहों के बंदरों को वैक्सीन दी गई थी, उनमें निमोनिया के कोई लक्षण नहीं दिखे जबकि जिस ग्रुप को वैक्सीन नहीं दी गई थी उसमें निमोनिया के लक्ष्ण पाए गए. कंपनी के अनुसार बंदरों पर स्टडी के नतीजों से वैक्सीन की इम्युनोजीनिसिटी यानी प्रतिरक्षाजनकता का पता चलता है. भारत बायोटेक ने खास तरह के बंदरों (Macaca mulata) को वैक्सीन की डोज दी थी.
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जानकारी के लिए बता दें कि इस वैक्सीन का भारत में अलग-अलग जगहों पर फेज 1 क्लिनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है. सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने इसी महीने भारत बायोटेक को फेज 2 ट्रायल की अनुमति दी है.
मालूम हो कि कोवैक्सिन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (National Institute of Virology) और भारत बायोटेक ने मिलकर बनाया है. भारत बायोटेक ने 29 जून को ऐलान किया था कि उसने वैक्सीन तैयार कर ली है जिसके बाद से कंपनी लगातार इसका परीक्षण कर रही है.