लोकसभा में आज जीएसटी बिल पर होगी चर्चा, TMC ने किया समर्थन का ऐलान
लोकसभा में आज जीएसटी बिल पर चर्चा होगी। सरकार की ओर से 1 अप्रैल 2016 तक देश में जीएसटी को लागू करने का लक्ष्य रखा गया है, इसलिए सरकार इस बिल को जल्द से जल्द पारित करवाना चाहती है।
नई दिल्ली: लोकसभा में आज जीएसटी बिल पर चर्चा होगी। सरकार की ओर से 1 अप्रैल 2016 तक देश में जीएसटी को लागू करने का लक्ष्य रखा गया है, इसलिए सरकार इस बिल को जल्द से जल्द पारित करवाना चाहती है।
सरकार को लोकसभा में आज वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक के मामले में राहत मिल सकती है। तृणमूल कांग्रेस ने इस महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार को लेकर अपना समर्थन देने की घोषणा की है हालांकि कांग्रेस, बीजू जनता दल और वामपंथी दल सहित विभिन्न विपक्षी पार्टियां विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजने की अपनी मांग पर अड़ी हुई हैं।
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रियेन ने ‘स्थायी समिति और प्रवर समिति पहले ही इसपर गौर कर चुकी हैं। इसलिये इसे फिर से स्थायी समिति के पास भेजने का कोई मतलब नहीं है।’ उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने जीएसटी लागू होने पर राज्यों को क्षतिपूर्ति का वादा किया है।
जीएसटी के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस के सरकार को समर्थन देने के बारे में स्पष्ट करते हुये उन्होंने कहा, ‘हमारे 2009, 2011, 2014 के घोषणा पत्र में हमने जीएसटी को समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई है। शराब, तंबाकू, पेट्रोलियम के मामले में पश्चिम बंगाल ज्यादा खपत वाला राज्य है।’ इससे पहले 26 अप्रैल को जब वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में जीएसटी विधेयक को पेश किया था तब सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस सदस्यों के साथ साथ तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट किया था। इन दलों ने जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की थी जिसे सरकार ने अनसुना कर दिया।
उस समय तृणमूल कांग्रेस का विरोध कुछ तकनीकी बातों को लेकर था, उसका विरोध विधेयक की सामग्री को लेकर नहीं था। अन्नाद्रमुक और बीजू जनता दल ने भी विधेयक का विरोध किया लेकिन उन्होंने वॉकआउट नहीं किया। कांग्रेस इस मुद्दे पर इन दोनों दलों को भी अपने साथ लेना चाहती है।
गौर हो कि जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में पेश किया गया था। मंगलवार को इस पर विचार करने व इसे पारित करने के लिए पेश किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि उप समिति ने 27 प्रतिशत की राजस्व तटस्थ दर (आरएनआर) का प्रस्ताव किया है, जो काफी ऊंची है। इसपर काम करने की जरूरत है। आरएनआर वह दर है जिस पर राज्यों को जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद राजस्व का कोई नुकसान नहीं होगा।