Gujarat में हार के बाद अपनी ही पार्टी में घिरे गहलोत, सचिन पायलट से ऐसे हो रही तुलना
Sachin Pilot Ashok Gehlot: हिमाचल में जीत के लिए कांग्रेस नेता सचिन पायलट की तारीफ हो रही है. बता दें कि कांग्रेस ने सचिन पायलट को हिमाचल का ऑब्जर्वर बनाया था तो वहीं गुजरात में हार के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.
Acharya Pramod Tweet: गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे गुरुवार को घोषित हो गए. गुजरात में जहां कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा तो वहीं हिमाचल में उसने सत्ता में वापसी की है. पहाड़ी राज्य हिमाचल में जीत के लिए कांग्रेस नेता सचिन पायलट की तारीफ हो रही है. बता दें कि कांग्रेस ने सचिन पायलट को हिमाचल का ऑब्जर्वर बनाया था तो वहीं गुजरात में हार के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. वह गुजरात के ऑब्जर्वर थे.
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इसे लेकर एक ट्वीट किया है. उन्होंने इशारों-इशारों में अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. प्रमोद कृष्णम ने लिखा, युवा नेता सचिन पायलट हिमाचल के ऑब्जर्वर थे. अशोक गहलोत गुजरात के आगे मुझे कुछ नहीं कहना. बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम इससे पहले भी सचिन पायलट और अशोक गहलोत पर बयान देते रहे हैं. उनके ताजा बयान ने फिर से राजस्थान की सियासत में हलचल मचा दिया है.
हिमाचल में वोटिंग के दौरान दिया था बयान
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने 12 नवंबर को हिमाचल में वोटिंग के दौरान भी एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी की राजस्थान इकाई में बड़े बदलाव होने वाले हैं. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से करीब दो घंटे तक विस्तृत चर्चा की थी. उसके बाद मीडिया को बताया कि जल्द ही राजस्थान को लेकर कांग्रेस आलाकमान बड़ा फैसला लेने जा रहा है. राज्य की जनता की भावनाओं को देखते हुए फैसला लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हर विधायक नेतृत्व के फैसले पर कायम है. हर विधायक पार्टी नेतृत्व के फैसले को स्वीकार करेगा.
गुजरात में हार तो हिमाचल में मिली जीत
कांग्रेस के लिए गुजरात चुनाव निराशाजनक रहा. रुझानों में उसे 17 सीटें ही मिली हैं. वहीं बीजेपी के खाते में 156 सीटें हैं. बीजेपी लगातार सातवीं बार सत्ता में आ रही है. गुजरात की 182 सीटों में से बीजेपी 156 सीट पर जीत चुकी है. बीजेपी की कुल वोट प्रतिशत में करीब 53 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. इससे पहले 1985 में कांग्रेस ने राज्य में 149 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया था जब माधव सिंह सोलंकी मुख्यमंत्री बने थे.
हिमाचल की बात करें तो कांग्रेस के लिए परिणाम शानदार रहा है. पार्टी को यहां पर 40 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं बीजेपी के खाते में 25 सीटें जा सकती हैं. हिमाचल में हर 5 साल में सरकार बदलती रही है और लोगों ने इस बार भी वैसा ही किया.
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