Gyanvapi Mosque row: ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर वाराणसी कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है. वाराणसी कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को पद से हटा दिया है. इसके अलावा वाराणसी कोर्ट की ओर से कोर्ट कमिश्नर को सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए 2 दिन की मोहलत भी दे दी गई है. लेकिन कोर्ट ने कमिश्नर के सभी अधिकार वापस ले लिए हैं. अब उनकी जगह दो दिन के भीतर विशाल सिंह बतौर कमिश्नर सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेंगे.


दीवार गिराने पर बुधवार को फैसला


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सुनवाई के दौरान कमिश्नर पर जानकारी लीक करने के आरोप लगाए गए थे जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है. कमिश्नर पर पक्षपात करने के आरोप भी लगाए गए हैं. अब बाकी दो अजय प्रताप और विशाल सिंह कोर्ट कमिश्नर पद पर बने रहेंगे. हिन्दू पक्ष ने वुज़ूखाने की जगह पर शिवलिंग दिखने के दावे के बाद दीवार तोड़ने की मांग की है जिस पर कोर्ट बुधवार को अपना फैसला सुनाएगा.


सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश


दूसरी ओर इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई जहां मुस्लिम पक्ष ने निचली अदालत के सभी फैसलों पर रोक लगाने की मांग की है. लेकिन कोर्ट वुज़ूखाना सील करने के फैसले को सही ठहराया है और नोटिस जारी किए गए हैं. हालांकि कोर्ट ने कहा कि नमाज पढ़ने से किसी को रोका नहीं जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने बुधवार तक का वक्त मांगा गया है. सर्वोच्च अदालत में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता यूपी सरकार का पक्ष रख रहे थे. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख तय की है. कोर्ट की ओर से जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि किसी को भी नमाज पढ़ने में दिक्कत नहीं आनी चाहिए, डीएम इस बात को सुनिश्चित करें.



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सुप्रीम कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की ओर से 1991 के 'प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट' का हवाला दिया गया था और मस्जिद का स्टेटस बदलने के आरोप लगाए गए थे. हालांकि सर्वोच्च अदालत ने मस्जिद के हिस्से को सील करने के फैसले को सही ठहराया है लेकिन आदेश दिया है कि किसी को भी नमाज पढ़ने से रोका नहीं जाना चाहिए. कोर्ट ने वुज़ूखाने वाली जगह को सील करने के फैसले को सही ठहरा दिया है.


मुस्लिम पक्ष ने ट्रायल कोर्ट में मामले की सुनवाई पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि हमारी फैसले से ट्रायल कोर्ट के जज समझ जाएंगे कि उन्हें आगे क्या करना है. मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि बगैर वुज़ू के नमाज कैसे पढ़ी जा सकती है. इस पर अदालत ने कहा कि दोनों अलग-अलग जगह हैं और ऐसे में नमाज पढ़ने से किसी को रोका नहीं जाना चाहिए. 


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