Haldwani Land Encroachment Case: हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर बसी गफूर बस्ती बचेगी या टूटेगी? SC में आज होगा फैसला
Haldwani Land Encroachment: हल्द्वानी में रेलवे की जमीनों पर अतिक्रमण पर बुल्डोजर चलेगा और वह जमीन बच जाएगी, इस पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. वहीं उत्तराखंड सरकार ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है.
Haldwani Land Encroachment Case Latest Updates: हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर SC आज सुनवाई करेगा. रेलवे के मुताबिक 4365 अतिक्रमणकारियों ने उसकी जमीन पर कब्जा कर रखा है. वहीं याचिकाकर्ताओं का दावा है कि इस संबंध में एक केस जिला मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पहले से लंबित चल रहा है. इसके बावजूद हाई कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने का विवादित आदेश जारी कर गंभीर गलती की है.
'नैनीताल हाई कोर्ट ने हमारी बात नहीं सुनी'
कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि रेलवे अथॉरिटी ने 7 अप्रैल, 2021 इस संबंध में कोर्ट में एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें कई गंभीर विसंगतियां हैं. इस रिपोर्ट में किसी तरह का सीमांकन नहीं किया गया था. याचिकाकर्ताओं का दावा है कि उस रिपोर्ट में वहां (Haldwani Land Encroachment Case) मकान बनाकर रह रहे लोगों के नाम और पते के अलावा कोई और तथ्य नहीं था. इसके बावजूद हाई कोर्ट ने उसका संज्ञान नहीं लिया.
'रेलवे और प्रशासन का रवैया भेदभाव वाला'
रेलवे की जमीन (Haldwani Land Encroachment Case) पर मकान बनाकर रहे लोगों का तर्क है कि रेलवे और राज्य सरकार के अधिकारियों ने इस मामले में मनमाना और अवैध दृष्टिकोण अपनाया, जिसे नैनीताल हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा. इसके चलते पीड़ितों के न्याय पाने के कानूनी अधिकार का हनन हुआ है. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उनके पास वैध दस्तावेज हैं, जो साफ तौर पर जमीन पर उनकी मिल्कियत को साबित करते हैं.
हाई कोर्ट ने 6 साल पहले दिया था आदेश
बता दें कि रविशंकर जोशी नाम के व्यक्ति ने इस संबंध में हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल की थी, जिस पर लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने 9 नवंबर 2016 को 10 सप्ताह के अंदर अवैध कब्जों को गिराने का आदेश दिया था. इस आदेश के बाद भी 6 साल बाद भी जब रेलवे और प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की तो 20 दिसंबर 2022 को हाई कोर्ट ने एक सप्ताह का नोटिस देकर हल्द्वानी के बनभूलपुरा में रेलवे की जमीन पर कब्जा किए गए निर्माण को गिराने का आदेश दे दिया था. रेलवे की इस 29 एकड़ जमीन पर धार्मिक स्थल, स्कूल, व्यापारिक प्रतिष्ठान और आवास बने हुए हैं.
राज्य सरकार ने मामले से पल्ला झाड़ा
वहीं इस सारे मामले से उत्तराखंड सरकार ने पल्ला झाड़ लिया है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह न्यायालय और रेलवे विभाग के बीच की बात है, राज्य सरकार उसमें पार्टी नही है. उन्होंने कहा कि इस मामले में कोर्ट जो भी निर्णय करेगा, राज्य सरकार उसी के हिसाब से काम करेगी.
(एजेंसी इनपुट पीटीआई)
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