Hamid Ansari and PAK connection: भाजपा ने बुधवार को एक पाकिस्तानी पत्रकार के उन दावों को लेकर पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी (Hamid Ansari) और कांग्रेस से स्पष्टीकरण मांगा, जिसमें पत्रकार नुसरत मिर्जा (Nusrat Mirza) ने कहा था कि उसने संप्रग सरकार के कार्यकाल में 5 बार भारत की यात्रा की और यहां से एकत्रित संवदेनशील सूचनाएं अपने देश की खुफिया एजेंसी ISI को उपलब्ध कराईं.


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खुद पर लगे आरोपों पर दी सफाई



इस दौरान हामिद अंसारी ने अपने ऊपर उठ रही उंगलियों को शांत करने के लिए बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि कल और आज मेरे ऊपर मीडिया के वर्गों में और भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा व्यक्तिगत रूप से झूठ का एक झोंका डाला गया है कि भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा को आमंत्रित किया था.


'विदेश मंत्रालय ने भेजा बुलावा'


वह उनसे (Nusrat Mirza) नई दिल्ली में 'आतंकवाद' पर एक सम्मेलन में मिले थे और ईरान में राजदूत के रूप में, मैंने एक ऐसे मामले में राष्ट्रीय हित के साथ विश्वासघात किया था, जिसके लिए एक सरकारी एजेंसी के एक पूर्व अधिकारी द्वारा आरोप लगाए गए थे. यह एक ज्ञात तथ्य है कि भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को निमंत्रण आमतौर पर विदेश मंत्रालय के माध्यम से सरकार की सलाह पर होता है.


'दुनिया ने सराहा मेरा काम'


मैंने 11 दिसंबर, 2010 को आतंकवाद पर सम्मेलन, 'अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और मानवाधिकारों पर न्यायविदों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन' का उद्घाटन किया था. जैसा कि सामान्य प्रथा है, आयोजकों द्वारा आमंत्रितों की सूची तैयार की गई होगी. मैंने उसे कभी आमंत्रित नहीं किया और न ही उससे मिला. साथ ही पूर्व उपराष्ट्रपति ने कहा कि ईरान में राजदूत के रूप में मेरा काम हमेशा तत्कालीन सरकार के ज्ञान में था. मैं ऐसे मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता से बंधा हूं और उन पर टिप्पणी करने से परहेज करता हूं. भारत सरकार के पास सारी जानकारी है और सच बोलने का एकमात्र अधिकार है. यह रिकॉर्ड की बात है कि तेहरान में मेरे कार्यकाल के बाद मुझे न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी प्रतिनिधि नियुक्त किया गया था. वहां मेरे काम को देश-विदेश में सराहा गया है.


भाजपा ने लगाए आरोप


बता दें कि बुधवार को ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा की उस कथित टिप्पणी का भी उल्लेख किया कि उन्होंने अंसारी के निमंत्रण पर भारत की यात्रा की थी और उनसे मुलाकात भी की थी. भाटिया ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि यदि तत्कालीन उपराष्ट्रपति के अलावा कांग्रेस नेता सोनिया और राहुल गांधी सत्ताधारी दल द्वारा उठाए गए सवालों पर चुप्पी साधे रहते हैं, तो यह इन ‘पापों’ के लिए उनकी स्वीकारोक्ति के समान होगा. 


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