नई दिल्ली: उत्तराखंड (Uttarakhand) में चल रहे सियासी घमासान के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है. उत्तराखंड के वन मंत्री हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) ने कहा है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Harak Singh Rawat) उनके छोटे भाई की तरह हैं. उनके इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार से उनकी नाराजगी अब दूर हो गई है.


उत्तराखंड भाजपा में सभी मुद्दों को सुलझाया


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बता दें, वन मंत्री हरक सिंह रावत अपने निर्वाचन क्षेत्र कोटद्वार में एक मेडिकल कॉलेज के निर्माण में देरी से परेशान थे. इसके चलते कैबिनेट की बैठक से बाहर निकलने के बाद उन्होंने अपने इस्तीफे की घोषणा की थी. लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि उत्तराखंड भाजपा में सभी मुद्दों को सुलझा लिया है. शनिवार को धामी के साथ डिनर करने के बाद रावत ने कहा कि 'धामी मेरे छोटे भाई की तरह हैं और हमारा रिश्ता कई साल पुराना है. मेरा आशीर्वाद पुष्कर सिंह धामी के साथ है.'


डिनर पर सीएम धामी से रावत से की मुलाकात


धामी ने ट्विटर पर एक तस्वीर भी साझा करते हुए कहा कि 'डिनर पर कैबिनेट सहयोगी हरक सिंह रावत से मुलाकात की और राज्य के मौजूदा मुद्दों पर चर्चा की.' राज्य में मुख्य विपक्षी दल, कांग्रेस दावा कर रही थी कि रावत वापस अपने पाले में आ जाएंगे, क्योंकि वो भगवा पार्टी से खुश नहीं हैं और घुटन महसूस कर रहे थे.


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कांग्रेस पर साधा निशाना 


बीजेपी यूथ विंग के राष्ट्रीय सचिव और उत्तराखंड प्रभारी तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ट्वीट करते हुए कहा कि 'हैलो कांग्रेस, उत्तराखंड के लिए सपने देखना बंद करो. हम एक हैं और एकजुट हैं.'


मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव किया स्वीकार


सूत्रों ने कहा कि रावत की चिंता का समाधान कर दिया गया है और वो कहीं नहीं जा रहे हैं. पता चला है कि धामी सरकार ने रावत के विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और मेडिकल कॉलेज का बजट एक दो दिन में जारी कर दिया जाएगा.


हरक सिंह जैसे वरिष्ठ नेता को नहीं खो सकती बीजेपी


पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि भाजपा राज्य विधानसभा चुनाव से महीनों पहले किसी भी नेता, विधायक या मंत्री को खोने का जोखिम नहीं उठा सकती है. उन्होंने कहा कि 'चुनावों में हर कोई महत्वपूर्ण है और कोई भी पार्टी हरक सिंह जैसे वरिष्ठ नेता को खोने का जोखिम नहीं उठा सकती, जब आप कांग्रेस और आप के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में हों. हर कोई महत्वपूर्ण है और हम किसी को जाने नहीं देंगे.'


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अगले साल होने हैं चुनाव


गौरतलब है कि 70 सीटों वाली उत्तराखंड विधानसभा का चुनाव अगले साल फरवरी-मार्च में उत्तर प्रदेश, पंजाब, मणिपुर और गोवा के साथ होगा. बीजेपी ने उत्तराखंड में अगले विधानसभा चुनाव में 60 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 57 सीटों पर जीत हासिल की थी.


(इनपुट-IANS)


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