Harda Factory Blast: रुला देगी इस मासूम बच्चे की कहानी, उजड़ गए सपने; खोए मां-बाप और सिसकियां भरते हुए किया अंतिम संस्कार
Harda News: हादसे के बाद लोग अपने घरों में जाना चाहते हैं. लेकिन अब उनके पास घर नहीं है. हादसे वाली जगह पर ही महिलाएं अपने बच्चों को जमीन पर बैठकर दूध पिला रही हैं. फैक्ट्री में हुए धमाके ने सैकड़ों घरों को तबाह कर दिया है. आक्रोशित लोग प्रशासन की मंशा पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं.
Harda Hadsa Update: मध्य प्रदेश के हरदा कस्बे में एक पटाखा कारखाने में विस्फोट और आग हादसे के एक दिन बाद विभिन्न अस्पतालों में अभी भी 100 से अधिक पीड़ितों का उपचार चल रहा है, दो लोग अब भी लापता हैं. घटना स्थल पर बचाव अभियान बीती रात जारी रहा. दुर्घटना भोपाल से करीब 150 KM दूर हरदा के बाहरी इलाके मगरधा रोड पर बैरागढ़ इलाके में स्थित पटाखा यूनिट में हुई. प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक उनके पास कुल 217 प्रभावितों की सूची है, जिनमें से 11 की मौत हो चुकी है.
रुला देगी मृतकों के परिजनों की कहानी
हरदा में पटाखा फैक्ट्री के आसपास भयावह दर्दनाक मंजर है. पटाखे की जिंदा लड़ियां अभी भी आसपास बिखरी पड़ी हैं. धमाका इतनी तेज था की घरों की दीवारों में दरार आ गई है छतें उखड़ गई है जहां टीन सीट था वह टीन शेड भी उड़ गई.
हरदा में हुए हादसे के बाद कई परिवार पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. मृतकों के परिजनों में से किसी के पास बस एक जोड़ी कपड़ा है तो किसी को खाने-पीने के लाले हैं. ऐसी ही एक मार्मिक घटनाक्रम की बात करें तो एक छोटा बच्चा. ऐसी ही एक मार्मिक स्टोरी की बात करें तो मंगलवार को ही स्कूल जाने के लिए तैयार एक बच्चा जो स्कूल में पढ़ता है वो अभी तक स्कूल ड्रेस में है. उसके पास बस यही कपड़े बच्चे हैं.
बुधवार को उसने अपने पिता का दाह संस्कार किया है. उसकी बहनों ने बताया कि जो कपड़ा उन्होंने पहन रखा है सिर्फ वही उनके पास है. दुपट्टा भी दूसरे से मांग कर डाला है.
प्रशासन पर उठे सवाल - पटाखा फैक्ट्री के मालिकों को फांसी की सजा की मांग
हादसे के बाद लोग अपने घरों में जाना चाहते हैं. लेकिन अब उनके पास घर नहीं है. हादसे वाली जगह पर ही महिलाएं अपने बच्चों को जमीन पर बैठकर दूध पिला रही हैं. हरदा में पटाखा फैक्ट्री विस्फोट ने सैकड़ों घरों को तबाह कर दिया है. आस पास जो लोग रहते थे उनके घर में जनहानी हुई और इसके साथ ही उनका सबकुछ उजड़ गया. अब आक्रोशित लोग प्रशासन की मंशा पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन की मिली भगत नहीं होती तो इतनी आबादी क्षेत्र में यह फैक्ट्री नहीं चल सकती. एक परिवार ने अपने माता पिता को खो दिया है. परिवार के दो छोटे बच्चे और एक बड़ी बहन सब अनाथ हो गए हैं. परिजनों की मांग है कि पटाखा फैक्ट्री के मालिकों को फांसी की सजा दी जाए.