When Shibu Soren Disappeared: गिरफ्तारी के डर से लापता हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) करीब 48 घंटे बाद मिल गए हैं. हेमंत सोरेन रांची में सीएम आवास पहुंचे और गठबंधन के विधायकों के साथ बैठक की. किसी को उनका पता नहीं था. ईडी (ED) से लेकर दिल्ली पुलिस तक सोरेन की तलाश कर रही थी. दरअसल, ईडी हेमंत सोरेन से लैंड स्कैम (Hemant Soren Land Scam) में पूछताछ करना चाहती है. लेकिन सोरेन भागे-भागे फिर रहे हैं. इस पर बीजेपी भी तंज कस रही है. इस बीच, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने कटाक्ष किया है और हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन की याद दिलाते हुए कहा है कि पिता के कुछ ना कुछ गुण तो बेटे में आएंगे ही. आइए जानते हैं कि हेमंत सोरेन के पिता शीबू सोरेन का मामला क्या था?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्यों हुआ शिबू सोरेन का जिक्र?


दरअसल, निशिकांत दुबे ने एक्स पर पोस्ट किया, 'एक कहावत है कि बापे पूत परापत घोड़ा, कुछ नहीं तो थोड़म थोड़ा... मतलब बेटा चाहे लाख अलग हो लेकिन उसके कुछ गुण बाप से जरूर मिलते हैं. वीर शिबू सोरेन केन्द्रीय मंत्री रहते 21 दिन गायब हो गए थे. आज उनका बेटा झारखंड का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 2 दिन से गायब है. डरपोक और कायर लोगों को जनता जान गई है.



कब पेश होंगे हेमंत सोरेन?


बता दें कि हेमंत सोरेन के पेश होने के बारे में एक मेल के जरिए पता चला. झारखंड सीएम सचिवालय से ईडी को मेल करके बताया गया कि सीएम सोरेन 31 जनवरी को ईडी के सामने पेश होंगे. हालांकि, मेल में तब ये नहीं बताया गया कि सोरेन अभी कहां हैं. इसके अलावा, सोरेन की चिट्ठी भी ईडी को भेजी गई है. जिसमें ईडी की कार्रवाई को दुर्भावनापूर्ण बताया गया है. दूसरी तरफ, बीजेपी ने हेमंत सोरेन के लापता होने के पोस्टर जारी किए हैं. हालांकि, अब सोरेन मिल चुके हैं.


जब शिबू सोरेन लापता हो गए थे?


अब उस घटना के बारे में जान लेते हैं, जिसका जिक्र झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने किया. जान लें कि 2006 में शिबू सोरेन कई दिनों तक गायब रहे थे. क्योंकि उन्हें अपने सचिव शशि नाथ झा की किडनैपिंग और हत्या की साजिश करने के मामले में दोषी पाया गया था और सजा सुनाई गई थी. तब ऐसा पहली बार हुआ था, जब किसी केंद्रीय मंत्री को मर्डर के केस में दोषी पाया गया था. हालांकि, बाद में शिबू सोरेन को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिल गई थी. सबूतों के अभाव में वह बरी हो गए थे. शशि नाथ झा की हत्या मई, 1994 में हुई थी. लापता होने के बाद उनकी बॉडी रांची में बरामद की गई थी.


जब फ्लोर टेस्ट से पहले गायब हुए शिबू सोरेन


बता दें कि 2008 में देश में यूपीए-1 की मनमोहन सरकार थी. तब सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. कांग्रेस को फ्लोर टेस्ट में अपना बहुमत साबित करना था. इसके लिए गठबंधन के साथियों से संपर्क किया जा रहा था. लेकिन तब भी शिबू सोरेन अचानक गायब हो गए थे.