इंडियन ऑयल की रिफाइनरी में तेज धमाका, 8 किमी दूर तक सुनी गई आवाज, कांप गईं आसपास की इमारतें, एक की मौत
Indian Oil Refinery Fire: प्लांट नंबर ए-1 और ए-2 और बॉइलर में आग फैली और इसके बाद तेज आवाज आई, जिसके बाद आग स्टोरेज टैंकर में फैल गई. आग लगने के बाद साइरन बजने लगा. सामने आई तस्वीरों और वीडियोज में धुआं रिफाइनरी से बाहर निकलता देखा जा सकता है.
Gujarat Vadodara Fire: गुजरात के वडोदरा स्थित इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की एक रिफाइनरी में सोमवार को तेज धमाका हुआ, जिसमें कुछ लोगों को चोटें आई हैं. किसी की मौत की फिलहाल खबर नहीं है. घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है. वडोदरा के जिलाधिकारी बिजल शाह ने कहा कि ब्लास्ट करीब 3.50 मिनट पर हुआ. देर रात एक व्यक्ति की मौत होने की खबर है, जबकि 3 लोग घायल हैं.
वहीं इंडियन ऑयल ने एक बयान में कहा, 'सोमवार को गुजरात रिफाइनरी में करीब 3 बजकर 30 मिनट पर बेंजेन स्टोरेज टैंक (1000 किलोलीटर की क्षमता) में आग लग गई. रिफाइनरी की इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम इस स्थिति से निपटने में जुटी हुई है. आग पर काबू पाने के प्रयास किए जा रहे हैं. आग को बुझाने के लिए पानी का छिड़काव करने वाला सिस्टम भी एक्टिव हो चुका है. आग लगने के कारण की वजह फिलहाल पता नहीं चल पाई है.'
कंपनी ने आगे कहा, 'आसपास रहने वाले लोग और हमारे कर्मचारियों की सुरक्षा सबसे पहले है. रिफाइनरी में कामकाज सामान्य है. स्थिति के बारे में आगे और जानकारी दी जाएगी.'
बता दें कि प्लांट नंबर ए-1 और ए-2 और बॉइलर में आग फैली और इसके बाद तेज आवाज आई, जिसके बाद आग स्टोरेज टैंकर में फैल गई. आग लगने के बाद साइरन बजने लगा. सामने आई तस्वीरों और वीडियोज में धुआं रिफाइनरी से बाहर निकलता देखा जा सकता है. जबकि धमाके की आवाज 8 किलोमीटर दूर तक सुनी गई. धमाका इतना तेज था कि आसपास जो इमारतें हैं, वह भी हिल गईं. लोग अपने घरों से बाहर आ गए.
वहीं बीजेपी के विधायक धर्मेंद्र सिंह वाघेला ने कहा कि इस घटना में किसी की मौत नहीं हुई. कुछ लोग घायल हुए हैं, जिनको अस्पताल भेजा गया है.
गुजरात में इंडियन ऑयल 13.7 मिलियन मीट्रिक टन प्रतिवर्ष की इंटीग्रेटेड रिफाइनरी-कम-पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स चलाता है. हालांकि रिफाइनरी में ब्लास्ट का यह पहला मामला नहीं है. दो दशक पहले साल 2005 में गुजरात रिफाइनरी में एक बड़ा हादसा हुआ था. उस वक्त नई एफसीसी यूनिट से जुड़े पाइपों में आग लगी थी. इसके बाद जून 2010 में कराचिया गांव के जीआर प्लांट के बैकयार्ड में आग लग गई थी. हालांकि इसमें किसी की जान नहीं गई थी.