नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम ने कहा है कि वह लाल बत्ती का उपयोग जारी रखेंगे क्योंकि यह लाल बत्ती उनको पूर्व ब्रिटिश सरकार ने दी थी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का वह कोई भी गलत कानून नहीं मानेंगे. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार का कोई भी कानून नहीं मानूंगा. बरकती ने कहा कि वह लाल बत्‍ती का इस्‍तेमाल करते रहेंगे, क्‍योंकि पूर्व 'ब्रिटिश सरकार' ने इसकी इजाजत दी थी. 


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बरकरती ने कहा है कि मैं शाही इमाम हूं और इसलिए मैं अदालत के आदेश के बावजूद लाल बत्ती नहीं छोडूंगा, शाही इमाम सीपीआई (एम) की अवधि के बाद से ‘लाल बत्ती’ का इस्तेमाल कर रहे हैं और किसी ने इसके लिए कभी भी विरोध नहीं किया है. सरकार को लाल बत्ती पर प्रतिबंध लगाने का कोई अधिकार नहीं है. मंत्री लोगों के घर जाते हैं और वोटों के लिए भीख मांगते हैं, इसलिए उन्हें लाल बत्ती का इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं है.


भारतीय जनता पार्टी ने कसा तंज


कोलकाता के टीपू सुल्‍तान मस्जिद के शाही इमाम मौलाना नुरुर रहमान इमाम बरकती द्वारा प्रतिबंध के बावजूद लाल बत्‍ती का इस्‍तेमाल किए जाने की बात कहे जाने पर भारतीय जनता पार्टी ने तंज कसा है. भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा, अगर मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी लाल बत्‍ती का इस्‍तेमाल नहीं कर सकतीं तो कैसे वह बरकती को करने दे सकती हैं? यह मुझे मुहावरे 'अंधेर नगरी चौपट राजा' की याद दिलाता है, क्‍योंकि भारतीय संविधान के तहत सिर्फ एंबुलेस को लाल बत्‍ती का इस्‍तेमाल किए जाने की इजाजत है.' साथ ही भारतीय जनता पार्टी के नेता सी.के. बोस ने इमाम को राष्ट्र विरोधी बताया और कहा कि मुझे लगता है कि उन्हें तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए और सलाखों के पीछे पहुंचा देना चाहिए क्योंकि कानून को तोड़ने की अनुमति की को नहीं है. 


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ममता ने मुझसे लाल बत्ती का इस्तेमाल करने को कहा है


बरकती ने कहा कि पश्चिम बंगाल की वर्तमान सरकार हमारे द्वारा लाई गई है. ममता बनर्जी जी खुद लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं करती हैं लेकिन ममता ने मुझसे लाल बत्ती का इस्तेमाल करने के लिए कहा है. पश्चिम बंगाल देश के बाकी हिस्सों से भिन्न है, यहां राज्य सरकार द्वारा नियम और विनियमों का निर्णय लिया जाता है न कि केन्द्र सरकार द्वारा. यहां, राज्य सरकार ने हमें ‘लाल बत्ती’ का उपयोग करने की अनुमति दी है.


पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं


जब मीडिया ने उन्‍हें यह स्‍पष्‍ट किया कि ब्रिटिश सरकार ने नहीं भारत सरकार ने आदेश पास किया था, इस पर बरकती ने कहा कि भारत सरकार को पहले खुद के कानून बनाने की जरूरत है, उन्‍होंने किसी कानून का गठन नहीं किया है. गौर हो कि 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद करने के फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ फतवा जारी कर बरकती पहले भी चर्चा में आ चुके हैं.